उत्तराखण्डशासन

योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं: सीडीओ

विकास भवन सभागार में जिला जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई

देहरादून 22 अगस्त । मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में जिला जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत हो रहे कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक सुरक्षित एवं स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष बल देते हुए उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुख्य विकास अधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्राम स्तर पर प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी एवं सहभागितापूर्ण होनी चाहिए। इसके लिए ग्राम सभाओं में प्रमाणन कराया जाए तथा महिलाओं एवं स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। जल गुणवत्ता परीक्षण, प्रयोगशालाओं की उपलब्धता, जल स्रोतों की स्थिरता, और ग्राम स्तर पर आई.ई.सी. (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियों की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट किया कि “हर घर जल” का प्रमाणीकरण वास्तविक स्थिति के आधार पर होना चाहिए। यदि कहीं समस्या हो तो उसे तत्काल दूर किया जाए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रत्येक ग्राम का प्रमाणीकरण समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए और मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
बैठक में जल गुणवत्ता जांच, स्रोत स्थिरता (सोर्स सस्टेनबिलिटी), वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण एवं ग्राम स्तर पर समुदाय की भागीदारी जैसे विषयों पर विशेष चर्चा हुई। मुख्य विकास अधिकारी ने ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्लूएससी) को सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि देहरादून जिले के सभी गांवों में “हर घर नल से जल” उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित समयसीमा में पूरा करना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इस दिशा में पारदर्शिता, नियमित मॉनिटरिंग तथा ग्राम स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य हैं।
अंत में, मुख्य विकास अधिकारी ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं की प्रगति की मासिक समीक्षा की जाए तथा समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में नल जल मित्र की नियुक्ति एवं प्रशिक्षण शीघ्र पूरा किया जाए।
नल जल मित्रों को जल गुणवत्ता परीक्षण किट का प्रयोग कर नियमित रूप से पानी की जांच करने हेतु सक्षम बनाया जाए। नल जल मित्र को समुदाय से पारिश्रमिक व प्रोत्साहन राशि सुनिश्चित की जाए ताकि कार्यक्रम सत्त रूप से संचालित हो सके। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति और नल जल मित्र के बीच समन्वय स्थापित कर कार्यों की पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ाई जाए। अब तक कितने गांवों में नल जल मित्रों का चयन व प्रशिक्षण पूरा हो चुका है तथा शेष गांवों में प्रक्रिया को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि “नल जल मित्र” केवल योजना के तकनीकी संचालन का हिस्सा नहीं है, बल्कि वह ग्राम स्तर पर जल प्रहरी के रूप में भी कार्य करेगा। उनकी सक्रिय भूमिका से “हर घर जल” का लक्ष्य स्थायी और प्रभावी रूप से प्राप्त किया जा सकेगा।
बैठक में जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान नमित रमोला, वीके वर्मा सहित जल निगम, पेयजल संस्थान, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, पंचायती राज विभाग सहित संबंधित अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

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