उत्तराखण्ड

गांव के नीचे बढ़ा भूस्खलन का खतरा, 17 प्रभावित परिवारों को तिरपालें वितरित

चमोली। जिले के प्रखंड के मूसाउडियार गांव के ठीक नीचे भूस्खलन का दायरा बढ़ने से गांव के 17 परिवारों के घरों को खतरा बना हुआ है। एसडीएम के निर्देश पर सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने मूसाउडियार जाकर भूस्खलन की रोकथाम के उपायों पर प्रभावित परिवारों से बातचीत की। इस मौके पर राजस्व उपनिरीक्षक जगदीश ओलिया ने प्रभावित परिवारों को तिरपालें वितरित किए। पिछले माह क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण मूसाउडियार गांव के नीचे जमीन धंसने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। और बीते 10 दिनों में भूस्खलन का दायरा बढ़ते हुए गांव के समीप तक पहुंच गया था। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता संदीप कुमार पटवाल ने प्रभावित ग्रामीणों के साथ एसडीएम पंकज भट्ट से मुलाकात कर भूस्खलन के कारण गांव को हो रहे खतरे से अवगत कराते हुए इसके रोकथाम के लिए जल्द बचाव कार्य करने का आग्रह किया।
और प्रभावित परिवारों और उनके मवेशियों की अस्थाई व्यवस्था के अलावा राशन सामग्री उपलब्ध कराने की गुहार लगाई। एसडीएम पंकज भट्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को मौके का निरीक्षण कर भूस्खलन को रोकने के सुरक्षा कार्यों को करने के निर्देश दिए।इससे पूर्व वर्ष 1993 में बादल फटने के कारण मूसाउडियार में आई बाढ़ से कई आवासीय मकानें और गोशालाएं बह गई थीं।और दर्जनों मवेशी दबकर मर गए थे। उसके बाद गांव के कई परिवार गांव को छोड़ कर अन्य जगहों पर बस गए थे। आज फिर से गांव के 17 परिवारों के सम्मुख फिर से ऐ। समस्या पैदा हो गई है।

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