चकबंदी प्रक्रिया के अंतर्गत प्रभावित किसानों को मिलेगा मुआवजा, नाले की भूमि को किया गया सुरक्षित
जलालाबाद। देहात क्षेत्र में चकबंदी प्रक्रिया तेज़ी से चल रही है। नक्सा-5 के वितरण के पश्चात किसानों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए विशेष चकबंदी अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें चकबंदी अधिकारी हरेन्द्र सिंह एवं उनकी टीम द्वारा किसानों की आपत्तियों की सुनवाई की गई।इस प्रक्रिया के दौरान जलालाबाद-लुहारी मार्ग पर स्थित एक बड़ा नाला, जो लुहारी की ओर से आकर कृष्ण नदी में मिल रहा है, उसमे बारिश के अतिरिक्त जल के निकास की व्यवस्था है। इस नाले की चपेट में 37 किसानों की कृषि भूमि आ रही थी। इस पर किसानों, विशेष रूप से भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के पूर्व जिला अध्यक्ष डा मुकेश शास्त्री व उनके पुत्र शशांक कुमार ने चकबंदी अधिकारी के न्यायालय में किसानों को उनकी भूमि का प्रभावित भूमि का उचित मुआवजा दिए जाने की मांग दिलाने के लिए एक वर्ष पूर्व वाद दायर किया था।चकबंदी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत आख्या एवं जनहित को दृष्टिगत रखते हुए चकबंदी अदालत ने निर्णय लिया कि उक्त नाले की भूमि को सुरक्षित रखा जाएगा तथा प्रभावित किसानों को उनकी भूमि की उचित कीमत निर्धारित कर मुआवजा प्रदान किया जाएगा। यह निर्णय किसानों की सहमति से लिया गया, जिससे वे संतुष्ट दिखाई दिए।इस निर्णय से प्रभावित किसान – कृश्णपाल, सुभाष चन्द, वीरेन्द्र (उर्फ़ सोनू), मोहर सिंह, रामपाल, अमनुल, मुश्ताक, युनुस, बशीर सहित अन्य किसानों ने प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए खुशी जाहिर की।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।