देहरादून 30 अप्रैल। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, भारतीय सैन्य अकादमी में 16 अप्रैल से 30 अप्रैल 2025 तक “जल पखवाडे” का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस विशेष पखवाड़े का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं स्थानीय समुदाय में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना तथा जल संकट की गंभीरता को समझाना था। पूरे कार्यक्रम के दौरान विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिससे छात्रों में जल के महत्त्व को लेकर गहन समझ और संवेदनशीलता विकसित हुई। पखवाड़े की शुरुआत प्रातःकालीन सभा में ‘जल शपथ’ के साथ हुई, जिसमें सभी छात्रों, शिक्षकों,मुख्याध्यापक,उप-प्राचार्य तथा प्राचार्य जी ने जल संरक्षण हेतु प्रतिज्ञा ली। विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थियों को जल संकट, जल स्रोतों के संरक्षण और जल जनित बीमारियों से बचाव के उपायों पर जानकारी प्रदान की गई। प्रार्थना सभा में विशेष वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें ‘जल संकट और प्राकृतिक जल स्रोतों के संरक्षण की आवश्यकता’ के बारे में छात्रों को बताया गया। विद्यालय की दसवीं कक्षा की छात्रा गार्गी द्वारा ‘जलजनित रोग एवं उनसे बचाव के उपायों’ पर एक प्रभावशाली वक्तव्य प्रस्तुत किया गया| दिनांक 22 अप्रैल को विद्यालय के स्काउट और गाइड के विद्यार्थियों ने स्थानीय समुदाय में जाकर जल संरक्षण के महत्त्व को समझाने हेतु जन-जागरूकता अभियान चलाया। छात्रों ने विद्यालय के आस-पास के इलाके में जाकर लोगों को जागरूक किया और जल बचत के छोटे-छोटे उपायों की जानकारी दी। दिनांक 23 से 25 अप्रैल के बीच विद्यालय में क्षेत्रीय खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रतिभागियों को जल संरक्षण संबंधी ऑडियो-वीडियो दिखाकर प्रेरित किया गया। साथ ही जल बचाने के सरल उपायों की जानकारी दी गई। कक्षा बारहवीं ‘द’ के छात्रों द्वारा प्रार्थना सभा के दौरान जल संरक्षण पर आधारित एक प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस गतिविधि के माध्यम से छात्रों की जल संरक्षण संबंधी जानकारी को मज़बूती मिली। जल पखवाड़े के अंतर्गत विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया जैसे कक्षा छठीं से आठवीं के छात्रों के लिए नारा लेखन प्रतियोगिता करवाई गयी, जिसमें विद्यार्थियों ने “बूँद-बूँद से सागर बनता है, जल बचाना सबका धर्म बनता है” जैसे रचनात्मक और प्रेरणादायक नारों की रचना की| कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों के लिए पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने आकर्षक और संदेशपरक चित्रों के माध्यम से जल संरक्षण के महत्त्व को प्रदर्शित किया। प्राथमिक विभाग के नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा “जल है तो कल है” विषय पर एक शिक्षाप्रद लघु नाटिका प्रस्तुत की गई, जिसने उपस्थित सभी दर्शकों को जल बचाने के लिए प्रेरित किया। बच्चों की सराहनीय प्रस्तुति जल संरक्षण का गहन संदेश छोड़ने में सफल रही| विद्यालय के प्राचार्य श्री माम चंद जी ने भी इस जल पखवाडे के समापन के अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा :“जल प्रकृति का अमूल्य उपहार है, जिसका संरक्षण हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि हम आज जागरूक नहीं हुए, तो आने वाली पीढ़ियों को इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। हमें अपनी जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव लाकर जल की हर बूँद को संजोना होगा। इस जल पखवाड़ा में हमारे छात्रों ने जिस जागरूकता और उत्साह के साथ भाग लिया, वह अत्यंत सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि हमारे विद्यार्थी न केवल जल संरक्षण के दूत बनेंगे, बल्कि समाज
में भी परिवर्तन की अलख जगाएँगे।” इस प्रकार विभिन्न रचनात्मक, शैक्षिक एवं सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से विद्यालय में “जल पखवाड़ा” का आयोजन अत्यंत उत्साह एवं जोश के साथ संपन्न हुआ।