ओ.पी.जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने क्यूएस सब्जेक्ट रैंकिंग्स 2025 में की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल

0
67

देहरादून 20 मार्च । ओ.पी.जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) ने प्रतिष्ठित क्यूएस सब्जेक्ट रैंकिंग्स 2025 में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिससे उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जेजीयू के ग्लोबल लीडर होने पर दोबारा मुहर लग गई है। जेजीयू ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए, न केवल कानून विषय में अपने लंबे प्रभुत्व को बरकरार रखा, बल्कि पांच नए विषयों में भी शीर्ष रैंकिंग हासिल कर ली है, जो इस यूनिवर्सिटी की उल्लेखनीय अकादमिक उत्कृष्टता और तेजी से बढ़ते वैश्विक प्रभाव को चिह्नित करती है।
1. लॉ एंड लीगल स्टडीज: लगातार छठे वर्ष भारत की #1 यूनिवर्सिटी और दुनिया के टॉप 100 में स्थान बरकरार रखा।
2. पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल स्टडीज: भारत की #1 प्रायवेट यूनिवर्सिटी और पहली बार दुनिया के टॉप 201-250 में स्थान प्राप्त किया।
3. सोशल साइंसेस एंड मैनेजमेंट: भारत की #3 प्रायवेट यूनिवर्सिटी और पहली बार दुनिया में #274 वाँ रैंक हासिल किया।
4. आर्ट्स एंड ह्यूमनिटीज: भारत की #1 प्रायवेट यूनिवर्सिटी और पहली बार दुनिया में #360 वाँ रैंक हासिल किया।
5. एकानॉमिक्स एंड इकानॉमेट्रिक्स: भारत की #2 प्रायवेट यूनिवर्सिटी और पहली बार दुनिया की टॉप 551-700 यूनिवर्सिटीज के बीच स्थान प्राप्त किया।
6. बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज: भारत की #6 प्रायवेट यूनिवर्सिटी और पहली बार दुनिया की टॉप 451-500 यूनिवर्सिटीज के बीच स्थान प्राप्त किया।
क्यूएस सबजेक्ट रैंकिंग्स कठोर संकेतकों के आधार पर किसी यूनिवर्सिटी के प्रदर्शन का मूल्यांकन करती है। इन संकेतकों में शामिल हैं- अकादमिक साख, नियोक्ता की प्रतिष्ठा, शोध का असर (उद्धरण व एच-इंडेक्स) तथा अंतरराष्ट्रीय सहभागिता। क्यूएस ने 5,200 से अधिक संस्थानों का विश्लेषण किया, और चुनिंदा 55 विषयों तथा 5 व्यापक संकाय क्षेत्रों के दायरे में 1,747 विश्वविद्यालयों को रैंकिंग्स दी हैं।
इस असाधारण उपलब्धि पर अपनी राय जाहिर करते हुए, जेजीयू के चांसलर श्री नवीन जिंदल ने अपार गर्व व्यक्त करके कहा, “क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स (विषय के अनुसार) 2025 में विभिन्न विषयों के लिए जेजीयू को मिली मान्यता, हमारी फैकल्टी, छात्रों और स्टाफ के समर्पण व उत्कृष्टता का सबूत है। बेहद खुशी की बात है कि हमारी यूनिवर्सिटी को अकादमिक सख्ती, अनुसंधान और वैश्विक जुड़ाव के प्रति इसके समर्पण हेतु स्वीकार किया जा रहा है। भारत के नंबर 1 लॉ स्कूल के रूप में, लगातार छह वर्षों से जेजीएलएस को मिल रही सफलता, विश्व स्तरीय कानूनी शिक्षा प्रदान करने को लेकर हमारी प्रतिबद्धता पर मुहर लगाती है। इसके अलावा, हमें कला एवं मानविकी तथा राजनीति एवं अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन के लिए भारत की नंबर 1 प्रायवेट यूनिवर्सिटी के रूप में शीर्ष रैंकिंग मिलना, देश का बौद्धिक परिदृश्य गढ़ने में किए जा रहे हमारे गहरे हस्तक्षेप को दर्शाता है।”
जेजीयू के वाइस-चांसलर प्रोफेसर (डॉ)सी.राज कुमार ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, “क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स (विषय के अनुसार) 2025 में जेजीयू की लगातार सफलता अकादमिक नवाचार, वैश्विक साझेदारी और असरदार अनुसंधान पर किए जा रहे हमारे रणनीतिक फोकस को दर्शाती है। कानून विषय में हमारी निरंतर सफलता तथा अब राजनीति, अर्थशास्त्र और बिजनेस के विषयों की वैश्विक रैंकिंग में भी हमारा दाखिल हो जाना, कानून और लीगल स्टडीज से आगे बढ़कर हमारे गहराते प्रभाव को रेखांकित करता है। यह मान्यता उच्च शिक्षा के ग्लोबल लीडर की शक्ल में उभरती जेजीयू की स्पष्ट निशानी है। हम एक वर्ल्ड-क्लास यूनिवर्सिटी होने का सपना साकार कर रहे हैं, जो भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय की इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस पॉलिसी वाली पहल का मिशन भी है। मैं अपने चांसलर श्री नवीन जिंदल को उनके उदारमना परोपकार के लिए, तथा महज 15 वर्षों में हासिल की गई इस असाधारण उपलब्धि पर, जेजीयू के फैकल्टी सदस्यों, छात्रों और कर्मचारियों के उत्कृष्ट योगदान के लिए, धन्यवाद देना चाहता हूं।”
जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) को लगातार छठे वर्ष, भारत का # 1 लॉ स्कूल तथा दुनिया के टॉप 100 (विश्व में 78 वां) में आनेवाले लॉ स्कूल का दर्जा दिया गया है। जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (जेजीएलएस) भारत में कानूनी शिक्षा का नेतृत्व करना जारी रखे हुए है, साथ ही न्यायशास्त्र और कानूनी अध्ययन के क्षेत्र की एक वैश्विक महाशक्ति बना हुआ है। कानून विषय में, जेजीएलएस नौ अंडरग्रेज्युएट और पोस्टग्रेज्युएट प्रोग्राम पेश करती है, जिन्हें एक अत्याधुनिक पाठ्यक्रम और वैश्विक भागीदारी के माध्यम से पढ़ाया जाता है। सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंधन विषय के लिए हमको पहली बार मिली रैंकिंग के तहत, जेजीयू को भारत में # 3 प्रायवेट यूनिवर्सिटी के रूप में तथा दुनिया में 274 वें स्थान पर बिठाया गया है। यह रैंकिंग सामाजिक प्रणालियों, मानव व्यवहार और प्रबंधन विज्ञान का अध्ययन करने के लिए, जेजीयू के डायनैमिक और दूरदर्शी दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। जेजीयू को कला एवं मानविकी के लिए, भारत की # 1 प्रायवेट यूनिवर्सिटी का दर्जा मिला है और दुनिया में इसे 360 वें स्थान पर रखा गया है। यह मान्यता साहित्य, दर्शन, इतिहास और आर्ट्स में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और बौद्धिक अन्वेषण को बढ़ावा देने के प्रति जेजीयू की प्रतिबद्धता दर्शाती है।
सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंधन वाले व्यापक संकाय क्षेत्र के अंतर्गत, ऐसे 16 चुनिंदा विषय आते हैं, जिन्हें क्यूएस रैंकिंग देता है। पेश किए गए प्रोग्राम और रिसर्च आउटपुट के आधार पर, जेजीयू 4 चुनिंदा विषयों में भाग लेने की पात्र है।
पहली बार, जेजीयू को पॉलिटिक्स एंड इंटरनेशनल स्टडीज के लिए भारत में # 1 निजी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, तथा दुनिया में 201-250 के बीच की श्रेणी में रखा गया है। यह रैंकिंग जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (जेएसआईए), जिंदल स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एंड पब्लिक पॉलिसी (जेएसजीपी), और जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज (जेएसएलएच) को उन स्कूलों के रूप में स्पष्ट मान्यता देती है, जो वैश्विक नीति से जुड़े विमर्शों, शासन और कूटनीति को शक्ल दे रहे हैं। जेजीयू के व्यापक विषय ‘अर्थशास्त्र एवं अर्थमिति’ को भारत के निजी विश्वविद्यालयों में #2 रैंकिंग प्रदान की गई है, जबकि दुनिया में यह 551-700 के बीच की श्रेणी में आया है। जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल (जेजीबीएस) ने बिजनेस एज्यूकेशन में उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखा है, इसने भारत के प्रायवेट बिजनेस स्कूलों में #6वां स्थान हासिल किया है और दुनिया में इसे 451-500 के बीच की श्रेणी में रखा गया है। जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल (जेजीबीएस) उद्योगोन्मुखी पाठ्यक्रम और वैश्विक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए, बिजनेस शिक्षा में उत्कृष्टता हासिल करना जारी रखे हुए है।
जेजीयू में अकादमिक प्रशासन के डीन प्रोफेसर पद्मनाभ रामानुजम ने इन रैंकिंग्स के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ये रैंकिंग हासिल करने से, उच्च शिक्षा के ग्लोबल लीडर की शक्ल में जेजीयू की स्थिति और मजबूत हो गई है। इस मान्यता को हासिल करने में, हमारा मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षण का माहौल बनाना, ज्यादा से ज्यादा रिसर्च कराना और वैश्विक साझेदारियों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना बड़ा सहायक सिद्ध हुआ। यह कामयाबी हमें अकादमिक जगत में नवाचार करने तथा उत्कृष्टता लाने के लिए और ज्यादा प्रेरित करेगी।”