शिव महापुराण कथा में पार्वती जन्म का प्रसंग सुनकर भाव विभोर हुए श्रद्धालु

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देहरादून 07 अगस्त । संजय कॉलोनी स्थित श्री हनुमान मंदिर में आयोजित शिव महापुराण कथा के तीसरे दिन कथा व्यास श्री सुभाष जोशी जी ने पार्वती के जन्म का प्रसंग श्रद्धालुओं के सामने अपनी मधुर वाणी में सुनाया। उन्होंने बताया की पर्वतराज हिमालय और रानी मैना ने 27 वर्षों तक प्रतिदिन देवी भगवती की तपस्या की थी । प्रति दिन माता की मूर्ति को बनाकर सर्वांग पूजा कर उसको नदी में विसर्जन करते थे। इतनी तपस्या के पश्चात एवं 100 पुत्रों के बद राजा हिमालय के यहां पुत्री के रूप में कन्या पार्वती ने जन्म लिया। जन्म के देव ऋषि नारद पर्वत राज हिमालय के यहां पधारे तब उन्होंने नारदजी से अपनी पुत्री का भविष्य जानने की कामना से उसका भविष्य एवं विवाह हेतु वर के बारे में जानना चहा तब देव ऋषि नारद जी ने मस्तक रेखा एवं हस्तरेखा देखकर बताया कि आपकी पत्री के रूप में साक्षात भगवती ने जन्म लिया है एवं इनकी शादी ऐसे वर से होगी जो योगी होगा ,जिनके कोई माता पिता भी नहीं होंगे जिनका कोई घर ठिकाना नहीं होगा यह जानकर राजा हिमालय और रानी मैं बहुत चिंतित हुए। कन्या पार्वती 8 वर्ष की हो गई और उन्हें सपने में दिखाई दिया की एक दिगंबर योगी उनसे शादी करने का निवेदन कर रहा है इस इस सपनों के बाद कन्या पार्वती ने स्वयं को तपस्या में लीन कर लिया। इसके पश्चात कथा व्यास जी ने कथा को विराम दिया।
उन्होंने बताया की कल शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया जाएगा।
इसके पश्चात आरती की गई और सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण कर कथा को विराम दिया गया। इस अवसर पर मंदिर समिति की अध्यक्ष इंदु शर्मा मनमोहन शर्मा सहित सैकड़ो कीसंख्या में स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित रहे।