अवैध निर्माण तोड़ने की जगह अवैध कब्जा कराने पर तुला एमडीडीए

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पीड़ित पक्ष दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर

देहरादून 19दिसंबर। मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण अपनी भष्ट्राचारी कार्य प्रणाली को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है। एक ताजा मामला फिर प्रकाश में आया है। जहां एमडीडीए चिंहित अवैध निर्माण को तोड़ने की जगह अवैध कब्जा कराने पर तुला दिखाई दे रहा है।
वर्ष 2015 में हाथीबड़कला निवासी महेश कोहली ने एमडीडीए में शिकायत की थी कि उसके पड़ोसी 38 हाथीबड़कला निवासी विजय प्रकाश व सत्यप्रकाश ने उनके परिवार की अनुपस्थिति में उनके रास्ते पर अवैध निर्माण कर उनके बिजली पानी व रास्ता तीनों को बाधित करने का काम किया है। उस दौरान एमडीडीए ने इस मामले की जांच की और उस अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश जारी कर दिए। कमीश्नर कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक पीड़ित पक्ष की सुनवाई हुई। जिसमें अवैध कब्जे दार को कोई राहत नही मिल पाई। हाईकोर्ट में जीत हासिल करने के बाद एमडीडीए का असली चेहरा सामने आने लगा। उसके बाद पीड़ित पक्ष ने एमडीडीए से उस अवैध निर्माण को तोड़े जाने की गुहार लगाई। काफी दबाव बनाने के बाद एमडीडीए ने अवैध निर्माण को तोड़ने की तारीख 14 अगस्त तय की किन्तु एमडीडीए तारीख लगाने के बाद अवैध निर्माण को तोड़ने नही आया। उसके बाद पीड़ित पक्ष ने अगली तारीख लगाने के लिए विभाग के कई चक्कर काटे किन्तु एमडीडीए के सिर पर इस मामले को लेकर सिर पर जूं तक नही रेंगी। इस मामले में शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल समाधान में भी की गयी। किन्तु एमडीडीए के हौसले तब भी बुलंद दिखाई दिए। इस मामले का एमडीडीए ने कोई संज्ञान नही लिया। काफी दबाब बनाने के बाद एमडीडीए ने अगस्त के बाद 12 दिसंबर की 18 तारीख तय की किन्तु एमडीडीए ने उस तारीख पर भी अवैध निर्माण को तोड़ने में कोई रूची नही दिखाई। इस मामले में सैक्टर सात की संयुक्त सचिव, एई और जेई की भूमिका संदिग्ध दिखाई दे रही है। जिसके चलते अवैध कब्जेदार विजय प्रकाश के हौसले बुलंद है। अब वह पीड़ित पक्ष को ब्लैकमेल करने का प्रयास कर रहा है। पीड़ित पक्ष की सुनवाई एमडीडीए करने को तैयार नही है। जिसे दुसरे शब्दों में यह भी कहा जा सकता है कि एमडीडीए और अवैध कब्जेदार के बीच की सांठ गांठ के चलते पीड़ित पक्ष दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।