देहरादून 04 दिसंबर सीएम धामी की अध्यक्षता में केबिनेट की बैठक में हेलीपैड-हेलीपोर्ट में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए पॉलिसी को मंजूर करने के साथ ही हरिद्वार और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज के लिए एमबीबीएस की एक सौ, सीटों के मुताबिक पदों की मंजूरी पर मुहर लगाई।बैठक में अक्टूबर-2005 के बाद विनियमित कर्मचारियों के लिए पेंशन-निबंधन में ऑन लाइन पंजीकरण समेत कई बड़े फैसलों पर सहमति दी गई।
केबिनेट में निम्न लिखित फैसले किए गए
1-राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से सुरम्य गंतव्य स्थानों तक पहुंच, आपातकालीन चिकित्सा और आपदा सेवाओं में आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य में हैलीपैड एवं हैलीपोर्ट की अपार संभावनाओं को देखते हुए दो विकल्प प्रस्तावित किए गए.1-चयनित भूमि मालिक हैलीपैड / हैलीपोर्ट विकास के लिए प्राधिकरण को 15 साल के लिए पट्टे पर भूमि प्रदान कर सकते हैं.प्राधिकरण चयनित भूमि पार्सल पर डीजीसीए नियमों के मुताबिक डिजाइन और विशिष्टताओं के आधार पर हैलीपैड / हैलीपोर्ट को विकसित करेगा.
मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते सचिव (सीएम-सूचना) शैलेश बगौली
इसका वित्तपोषण और विकास की लागत प्राधिकरण वहन करेगा। आवेदक/भू-स्वामी को प्रतिवर्ष 100 रूपये प्रति वर्ग मीटर किराया भुगतान किया जाएगा.चयनित आवेदक/भू-स्वामी को निर्मित हैलीपैड / हैलीपोर्ट के संचालन एवं प्रबंधन से प्राप्त होने वाले राजस्व का 50 प्रतिशत भुगतान किया जाएगा। 2-चयनित आवेदक/भू-स्वामी लागत में किसी भी वृद्धि सहित हेलीपैड / हेलीपोर्ट के वित्तपोषण और विकास की पूरी लागत का वहन करेगा। हैलीपैड के लिए लगभग 10 से 20 लाख तथा हैलीपोर्ट के लिए लगभग 2 से 3 करोड़ की पूँजी की आवश्यकता रहेगी।
हैलीपैड / हैलीपोर्ट के विकास, संचालन एवं प्रबंधन (O&M) के लिए सभी अनुमोदन (DGCA लाईसेंस/संचालन अनुमति सहित) प्राप्त करने की जिम्मेदारी आवेदकों/भू-स्वामियों की होगी। प्राधिकरण इसमें सहायता करेगा। चयनित आवेदक/भू-स्वामी भूमि पार्सल को, प्राधिकरण से मिले डिजाइन और विशिष्टताओं के अनुरूप, हैलीपैड / हैलीपोर्टस के रूप में विकसित करेगा.DGCA लाईसेंस/अनुमोदन की वैधता की अवधि के दौरान, आवेदक/भू-स्वामी हैलीपैड / हैलीपोर्ट उपयोगकर्ताओं से सभी राजस्व एकत्र करेंगे।
वाणिज्यिक संचालन तिथि से न्यूनतम 10 साल तक, प्राधिकरण सम्बन्धित हैलीपैड/हैलीपोर्ट के लिए, पात्र पूंजीगत सम्पत्ति के विकास पर होने वाले वास्तविक पूंजी व्यय या यूकाडा द्वारा उपलब्ध कराये गये पूंजीगत व्यय का आंकलन, इनमें से जो भी कम हो के 50 प्रतिशत के बराबर पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करेगा। पूंजीगत सब्सिडी का भुगतान दो बराबर किश्तों में किया जायेगा। दोनों ही विकल्पों में हैलीपैड के लिए न्यूनतम 1000 वर्ग मीटर समतल भूमि क्षेत्र (30X30 मी०) एवं मू-क्षेत्र तथा हैलीपोर्ट के लिए न्यूनतम 4,000 वर्ग मीटर समतल भूमि क्षेत्र (प्रत्येक तरफ लगभग 50 मीटर) या जैसा प्राधिकरण तय करता है,के मुताबिक शर्तों को पूरा करना होगा।
*कैबिनेट में लिए गए अन्य महत्वपूर्ण निर्णय:
1-राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज में 100-100 एमबीबीएस प्रशिक्षु क्षमता के संचालन के मुताबिक पदों के सृजन को मंजूरी।
2–माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इण्टर कालेजों में शिक्षकों के लम्बे-मातृत्व और बाल्य देखभाल तथा चिकित्सा अवकाश की सूरत में छात्रहित में अस्थाई शिक्षकों को प्रतिवादन की दर से मानदेय दिया जाएगा।प्रदेश में हर वक्त 1500 से 2000 शिक्षक अवकास पर रहते हैं.
3– सहायक अध्यापक एलटी तथा प्रवक्ता संवर्ग के महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षक / शिक्षिकाओं के कम से कम एक माह के दीर्घ अवकाश की स्थिति में सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य की अध्यक्षता में गठित समिति विज्ञप्ति प्रकाशित करेगी।सहायक अध्यापक, एलटी के विषयों के लिए 200 रूपये एवं प्रवक्त्ता के विषय के लिए 250 रूपये प्रतिवादन की दर से मानदेय पर शिक्षण कार्य के लिए तात्कालिक / नितान्त अस्थायी व्यवस्था पर सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारी से अनुमोदनोपरान्त कार्ययोजित किया जाएगा। विद्यालय के सेवित क्षेत्र के निकटस्थ निर्धारित योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी को वरीयता प्रदान की जाएगी।
4–उत्तर प्रदेश के समय से तैनात आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों की तदर्थ सेवाओं को अर्हकारी सेवा के रूप में आगणित करते हुए पेंशन एवं सेवानिवृत्तिक लाभ अनुमन्य करार दिया गया।
1 अक्टूबर, 2005 से पूर्व तदर्थ रूप से नियुक्त राज्य सरकार के अन्तर्गत आयुष विभाग के चिकित्सक एवं अन्य कार्मिक तथा राज्य सरकार के अन्य राजकीय विभागों में कार्यरत समस्त कार्मिक, जो 1 अक्टूबर, 2005 के उपरान्त विनियमित किये गए हों या जिनका विनियमितीकरण आदेश निर्गत करने से पूर्व निधन हो गया हो, अथवा सेवानिवृत्त हो गये हों तथा जो उत्तराखण्ड विनियमितीकरण नियमावली, 2002 के सुसंगत प्राविधानों के अन्तर्गत 1 अक्टूबर, 2005 से पूर्व विनियमितीकरण की अर्हता रखते हों, एवं तत्समय नियमित पद रिक्त हो को विचार में शामिल किया गया.
निम्न के सम्बन्ध में कार्यवाही की जानी प्रस्तावित है।
5-उत्तराखण्ड राज्य में लेखपत्रों के निबंधन की प्रक्रिया में ऑन लाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को पंजीकरण की कार्यवाही में मंजूरी दी गई। वर्तमान में राज्य में लेखपत्रों के निबंधन में पक्षकारों को अभी कार्यालय में उपस्थित हो कर बयान दर्ज कराने के पश्चात निबंधन कराना पड़ता है। ऑन लाइन पंजीकरण की प्रक्रिया के अस्तित्व में आने के पश्चात पक्षकार अपने ही स्थान से लेखपत्र को तैयार कर आनलाइन लिंक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकेंगें.
उम्रदराज, बीमार एवं असहाय लोगों को कार्यालय में उपस्थित हो कर लेखपत्रों का निबंधन कराने से मुक्ति प्राप्त होगी। पक्षकारों के दूरस्थ स्थानों पर होने के फलस्वरूप विलेखों का पंजीकरण सम्भव नही हो पाता है.ऐसे विलेखों का पंजीकरण आसान होगा।
6-उप निबंधक कार्यालय वीडियो केवाईसी के माध्यम से पक्षकारों का सत्यापन एवं विलेख में वर्णित तथ्यों का परीक्षण कर विलेखों के पंजीकरण की कार्यवाही को ई
हस्ताक्षर के माध्यम से पूर्ण करेंगें। पक्षकार विलेख की डिजिटल हस्ताक्षर की प्रतियों को आनलाइन अपलोड करना भी सम्भव होगा। ऑन लाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को आधार प्रमाणीकरण से भी अंर्तसम्बन्धित (लिंक) किया जायेगा जिससे कि जनसुविधा के साथ साथ फर्जीवाड़े पर भी रोक लग सके।
भारत सरकार ने इस कार्यों के लिए आधार प्रमाणिकरण का ऐच्छिक रूप से प्रयोग किए जाने के लिए अनुमति प्रदान की है-
1. विलेखों का पंजीकरण ।
2. विवाह पंजीकरण।
3. विवाह प्रमाण एवं लेखपत्रों की प्रमाणित प्रति निर्गत करना।
4. भार मुक्त प्रमाण (एन ई सी )
5. पंजीकृत लेखपत्रों के ई-सर्च।
7-उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना के सम्बन्ध में।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्र-छात्राओं को आधुनिक तकनीकी का प्रयोग करते हुए अनुकूल वातावरण के अन्तर्गत गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान किए जाने के लिए प्रदेश में 559 उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना की जानी है। उत्कृष्ट विद्यालय के रूप में ऐसे विद्यालय का चयन किया जाएगा जिसके 15 किमी की परिधि में अधिक से अधिक राजकीय हाईस्कूल एवं राजकीय इण्टर कालेज संचालित हों।
उत्कृष्ट विद्यालयों में खेल का मैदान, कक्षा-कक्ष, शौचालय, पेयजल तथा चाहरदीवारी की व्यवस्था की जाएगी। इण्टर स्तर पर भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, कम्प्यूटर तथा गणित विषय की प्रयोगशालायें विकसित की जाएंगी. हाईस्कूल स्तर पर विज्ञान, गणित एवं कम्प्यूटर की प्रयोगशलायें स्थापित की जाएगी।
8-‘मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना’ के अन्तर्गत उत्तराखण्ड के ऐसे गाँव/तोक जिनकी आबादी 250 तक है, को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए नई योजना अनुमोदित की गयी है.इनमें ऐसे गाँवों / बसावटों को सम्पर्क में लाया जाएगा, जो प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अथवा लोक निर्माण विभाग की कार्ययोजना / मानकों में सम्मिलित नहीं है।
9-कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के अंतर्गत उत्तराखण्ड उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली, 2004 के नियम 27 के उपनियम (1) एवं (2) में संशोधन।
उत्तराखण्ड न्यायिक सेवा नियमावली, 2005 में ‘सिविल न्यायाधीश’ एवं ‘वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश’ के पदनाम में संशोधन।‘सिविल न्यायाधीश (कनिष्ठ श्रेणी)’ का पदनाम परिवर्तित करते हुए ‘सिविल न्यायाधीश’ और ‘सिविल न्यायाधीश (वरिष्ठ श्रेणी)’ का पदनाम परिवर्तित करते हुए ‘वरिष्ठ सिविल न्यायाधीश’ किया गया है।
10-महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में ‘नन्दा देवी कन्याधन योजना-हमारी कन्या हमारा अभिमान’ योजनान्तर्गत वंचित लाभार्थियों को लाभान्वित किये जाने के संबंध में फैसला हुआ।
11-भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग के संरचनात्मक ढांचे के पुर्नगठन के सम्बन्ध मैं फैसला हुआ कि विभागीय ढांचे को पुर्नगठित कर 62 अतिरिक्त पद सृजित किए जाएँ और बेकार के 19 समाप्त किए जाएं।