खबर लिखने को लेकर ऋषिकेश मेयर पर पत्रकार  के साथ मारपीट कर प्रताड़ित करने का आरोप

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-महिलाओं पर अत्याचारों को उजागर कर प्रशासन के संज्ञान में लाना ही पत्रकारिता का धर्म

-खबर में आरोपी के नाम का कहीं जिक्र ही नहीं

देहरादून: तीर्थनगरी के तथाकथित चिकित्सक द्वारा एक महिला पेशेंट के साथ अभद्रता की खबर चलाने वाले पोर्टल संचालक व पत्रकार ने ऋषिकेश की महापौर और तीन पार्षदों पर उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया है।

शनिवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पोर्टल संचालक दुर्गेश मिश्रा और साथी रजत प्रताप सिंह ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए बताया कि, महिलाओं की सुरक्षा पूरे देश में मुद्दा बना हुआ है। जिसे देखते हुए मीडिया का दायित्व महिलाओं के साथ होने वाले अत्याचारों को उजागर कर प्रशासन के संज्ञान में लाना होता है। जिससे कि प्रशासन उसका संज्ञान लेकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा सके।

यही विचार कर  12 अप्रैल को उन्होंने सूत्रों से जानकारी मिलने पर अपने पोर्टल ‘उत्तराखण्ड का आदित्य’ में खबर चलाई थी। जिसमें एक चिकित्सक पर महिला मरीज से अभद्रता करने का आरोप था। इस प्रकरण में लिखी गई खबर में किसी का भी नाम नहीं था।

बताया कि इसके बाद 13 अप्रैल को उन्हें परीक्षित मेहरा नामक व्यक्ति ने फोन कर ऋषिकेश की मेयर अनिता ममगाईं से मिलने के लिए बुलाया।  वे दोनों मेयर से मिलने के लिए चले गये क्योंकि वे लोग मेयर द्वारा किए जा रहे कार्यों की खबरें अपने पोर्टल से प्रकाशित करते रहते थे। उन्हें बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि उन्हें क्यों बुलाया गया है।

दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि जब वे दोनों मेयर के, देहरादून रोड स्थित कैम्प कार्यालय में पहुंचे तो मेयर अनिता ममगाईं, पार्षद विजय बड़ोनी, पार्षद बृजेंद्र मोघा सहित आधा दर्जन लोगों ने उन दोनों को घेर कर उनसे मारपीट शुरू कर दी।

मेयर द्वारा तब यही कहा गया कि उनके पति के खिलाफ खबर क्यों लिखी। मिश्रा ने बताया कि इस दौरान उनके मोबाइल भी छीन लिए और बंधक बना कर एक कमरे में बैठा दिया जहां पानी मांगने पर भी पीटा गया।

वहीं इस दौरान मेयर अनिता ममगाईं ने खुद पुलिस को बुलाया। जब  दोनों ने पुलिस से मदद मांगी तो उन्होंने राजनीतिक मामला होने की बात कहते हुए कुछ भी करने से इंकार कर दिया।

शाम को जब अन्य पत्रकारों को इस बारे में सूचना मिली तो वे लोग मेयर के कैंप कार्यालय पहुंचे। उनके हस्तक्षेप के बाद ही उन्हें मेयर के कार्यालय से छुड़ाया जा सका।

रजत प्रताप सिंह ने बताया कि मेयर और उनके समर्थक पार्षदों द्वारा उन्हें घंटों  यातनाएं दी और मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया। उनके दबाव में उनकी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की जा रही है।

पत्रकार ने कहा कि जब खबर में मेयर का कहीं जिक्र ही नहीं था तो उन्होंने कैसे  कह दिया कि यह उनके घर का मामला है। यदि वह कहती हैं कि उनकी खबर नहीं तो उन्होंने उन दोनों को प्रताड़ित क्यों किया।

रजत ने कहा कि उन्होंने सीएम और डीजीपी को भी पत्र दिया है। यदि तब भी कोई कार्यवाही नहीं होती है तो वे कोर्ट की शरण में जाएंगे।