पत्रकार मनीष कश्यप पर मुकदमा अलोकतांत्रिक – सुनील चौधरी , सरकार पत्रकारिता का मापदंड निर्धारित करें ताकि पत्रकार व गैर पत्रकार में अंतर किया जा सके – सिद्धार्थ भारद्वाज

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शामली। अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति भारत के राष्ट्रीय सचिव सुनिल चौधरी ने कहा है कि तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों पर कथित रूप से हुए हमले के मद्देनजर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने का आरोप लगाकर पत्रकार मनीष कश्यप पर बिहार की पुलिस द्वारा किया गया मुकदमा अलोकतांत्रिक है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु पर मजदूरों पर हुए हमले की खबर पर बिहार के सीएम व डिप्टी सीएम के बयान में विरोधाभास की बू आ रही है। यह कटु सत्य है कि वेब पोर्टल चलाने वाले सभी लोग पत्रकार नही हैं। यह भी सत्य है कि वेब पोर्टल की सहायता से कथित पत्रकारों के साथ साथ राजनीतिक दल अपनी भी दुकान चला रहे हैं। भारत के संविधान में सूचना पाने के अधिकार के तहत कोई भी नागरिक जिम्मेवार लोगों से सवाल पूछने का अधिकार रखता है। सुनील चौधरी ने कहा कि अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के अधिवेशन के माध्यम से कई बार यह सवाल उठाया जा चुका कि सरकार पत्रकारिता का मापदंड निर्धारित करे ताकि पत्रकार व गैर पत्रकार में अंतर किया जा सके। पत्रकारिता को परिभाषित किया जाना तथा संविधान संशोधन के माध्यम से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाना समय की मांग है। राष्ट्रीय सचिव सुनील चौधरीजनपद अध्यक्ष सिद्धार्थ भारद्वाज ने कहा कि हम सभी पत्रकार बंधु पत्रकार मनीष कश्यप के ऊपर किये गए मुकदमों की कठोर भर्त्सना करते हैं साथ ही मनीष कश्यप को यह सलाह भी देते हैं कि किसी भी नेता को धमकी देना पत्रकारिता के दायरे में नही आता। पत्रकारिता के माध्यम से जनता को जगाकर उनका अधिकार दिलाना हमारा दायित्व है। सीएम और पीएम विधायक और सांसद चुनते हैं तथा आम जनता विधायक सांसद चुनती है। सुनील चौधरी व सिद्धार्थ भारद्वाज ने कहा कि हम बिहार के माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध करते हैं कि मनीष कश्यप सरीखे पत्रकारों पर मुकदमा करके उनको प्रताड़ित करने के बजाय पत्रकारिता का मापदंड निर्धारित कर देश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की घोषणा करें ताकि कुकुरमुत्ते की तरह उग रहे अप्रशिक्षित तथाकथित पत्रकारों की पत्रकारिता से देश को बचाया जा सके तथा मूल पत्रकारिता को वास्तविक सम्मान दिलाया जा सके।

रिर्पोट :- सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी उत्तर प्रदेश।