उत्तराखण्ड

देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड पर बोले सीएम, बने रहेंगे हक-हकूकधारी

देहरादून:  मई महीने से उत्तराखंड की चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। चारों धामों के कपाट खुलने की तिथियां भी तय हो चुकी हैं। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

उम्मीद की जा रही है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के फैसले को बदल सकते हैं।

इस बारे में जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से अधिक चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर फोकस किया जाएगा।

तय की गई तिथि के अनुसार 16 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे। इसी के साथ 17 मई को बाबा केदारनाथ और 18 मई को बदरी विशाल के कपाट खोले जाने हैं। इसकी तैयारियों में उत्तराखंड सरकार जुट गई है।

अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग कर सकते हैं।क्योंकि इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था।

चारों धामों के तीर्थ पुरोहित पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस फैसले के खिलाफ थे। लेकिन सरकार अभी इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने की मूड में दिख रही है। सरकार का पूरा फोकस चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर है।

उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को भंग किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान समय में देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से अधिक जरूरी है कि आगामी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं पर फोकस किया जाए। ताकि उत्तराखंड चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को पर्याप्त व्यवस्थाएं मुहैया हो पाएं।

साथ ही उन्होंने कहा कि चारों धाम के जो हक-हकूक धारी हैं वह बने रहेंगे। उसमें किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

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