आपदा में अपना सबकुछ लूटा चुकी बेजुबान भूखे पेट ऋषिगंगा को लगातार ताकने पर मजबूर

चमोली: ऋषिगंगा में आई आपदा ने इंसानों के साथ ही जानवर भी इससे अछूते नहीं रहे। यहां आपदा में अपना सबकुछ तबाह कर चुकी बेजुबान मां सात फरवरी से लगातार ऋषिगंगा को निहार रही है। उसे बिस्किट या कुछ और खाने को दो तो वह नहीं खा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि सात फरवरी को आई बाढ़ में इस बेजुबान के बच्चे भी बह गए।
साथ ही ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले कर्मचारी जो इसे खाना देते थे, वह भी आपदा में बह गए। उस दिन से वह उदास है। वह रोज सुबह आकर एक जगह पर बैठ जाती है और ऋषिगंगा नदी को निहारती है। कई लोग उसे खाना देने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह नहीं खाती है।
ऋषिगंगा की आपदा में जनहानि के साथ ही पशु हानि भी भारी मात्रा में हुई है। ग्रामीण इलाकों में पशुपालन आजीविका का बड़ा साधन है। ऐसे में जिन लोगों के पशु बह गए हैं वह लोग भी काफी परेशान हैं। जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार जुवाग्वाड़ गांव के कई परिवारों की करीब 180 बकरियां और पेंग गांव के चार खच्चर लापता हैं। सात फरवरी को यह जानवर नदी किनारे चरने के लिए गए थे।
विगत सात फरवरी को चमोली जिले के रैणी क्षेत्र में ग्लेशियर टूटने से आई आपदा ने तबाही मचा दी थी। 204 लोग इस आपदा में लापता हो गए। करीब 35 से ज्यादा लोग ऋषिगंगा परियोजना की सुरंग में फंस गए। इस आपदा ने क्षेत्र का भूगोल बदल दिया है। यहां ऋषिगंगा नदी के मुहाने पर एक झील बन गई है।
लापता लोगों की तलाश में चमोली से हरिद्वार तक रेस्क्यू एसडीआरएफ की टीम तलाश में लगी हुई है। सुरंग में राहत बचाव कार्य चल रहा है। सुरंग के बारह से आईटीबीपी व सेना की रेस्क्यू टीमों को भी प्रशासन ने हटाकर रिजर्व में रख दिया गया है।
612544 289302Bookmarked your amazing website. Fabulous work, distinctive way with words! 20694
886207 66082What a lovely weblog. I will definitely be back again. Please preserve writing! 538632
741127 815785A weblog like yours really should be earning considerably cash from adsense..-., 678682