उत्तराखण्डराज्य

दो दशक से चली आ रही पंरमपरा टूटी, कैबिनेट से पहले विधायक ने ली शपथ।


देहरादून। विधानसभा चुनाव में दो दशक के बाद सत्ता परिवर्तन का मिथक टूटा है। वहीं, इस बार विधानसभा के इतिहास में पिछले चार चुनाव से चली आ रही एक और परंपरा टूट गई। पांचवीं विधानसभा में मुख्यमंत्री व कैबिनेट से पहले निर्वाचित विधायक पद की शपथ ली। अभी तक यह परंपरा रही कि मुख्यमंत्री पहले शपथ लेते थे, जिसके बाद ही विधायकों को शपथ दिलाई जाती थी।
विधायक दल का नेता चुनने के लिए आज होने वाली भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री को लेकर कयासबाजी का दौर भी खत्म हो जाएगा। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए नाम तय हो चुका है। इसका एलान विधायक मंडल दल की औपचारिक बैठक में होगा। बता दें कि जब भी विधानसभा चुनाव होते हैं, नई सरकार के गठन के लिए बहुमत हासिल करने वाली पार्टी विधायक मंडल की बैठक बुलाकर मुख्यमंत्री तय करती है।लेकिन इस बार एक पुरानी परंपरा टूटेगी। अभी तक पंरपरा यह थी कि विधायक मंडल दल की बैठक में विधायक दल का नेता चुने के बाद मुख्यमंत्री व कैबिनेट शपथ लेती थी। जिसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से राजभवन को प्रोटेम स्पीकर के लिए वरिष्ठ नेता का नाम भेजा जाता था, लेकिन इस बार विधायक मंडल दल से पहले ही राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर दिया। साथ ही प्रोटेम स्पीकर व सभी निर्वाचित सदस्यों को मुख्यमंत्री से पहले शपथ ली।

Related Articles

Back to top button