राष्ट्रीय लोक अदालत में देहरादून का रिकॉर्ड प्रदर्शन, एक दिन में 17,177 वादों का निस्तारण
देहरादून 13 दिसंबर। जिला देहरादून में वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्य एवं अत्यंत सफल आयोजन किया गया। एक ही दिन में 17,177 वादों का निस्तारण कर जिला देहरादून ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इस दौरान पक्षकारों के मध्य कुल 21,75,49,988 रुपये (इक्कीस करोड़ पचहत्तर लाख उनचास हजार नौ सौ अठासी रुपये) की धनराशि पर आपसी समझौते हुए।
13 दिसम्बर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 10,188 विचाराधीन वादों का निस्तारण किया गया, जिनमें 18,03,82,734 रुपये की धनराशि पर समझौता हुआ। वहीं, विभिन्न बैंकों एवं विभागों द्वारा प्री-लिटिगेशन स्तर के 6,991 मामलों का निस्तारण करते हुए 3,71,67,254 रुपये की धनराशि पर समझौता किया गया।
यह उल्लेखनीय उपलब्धि माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री प्रेम सिंह खिमाल के कुशल, प्रेरणादायी नेतृत्व तथा समस्त न्यायिक अधिकारियों की निष्ठा, कार्यकुशलता एवं प्रतिबद्धता का सशक्त प्रमाण है। उनके मार्गदर्शन में लोक अदालत में पक्षकारों को सुलह और न्याय का सहज वातावरण मिला, जिससे आमजन का न्याय व्यवस्था पर विश्वास और अधिक मजबूत हुआ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून के तत्वावधान में यह लोक अदालत प्रातः 10 बजे से सायं 5 बजे तक जिला मुख्यालय देहरादून सहित बाह्य न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी एवं चकराता में आयोजित की गई। लोक अदालत में मोटर दुर्घटना क्लेम, सिविल, पारिवारिक, चेक बाउंस, शमनीय आपराधिक एवं अन्य विविध प्रकृति के मामलों का निस्तारण किया गया।
मुख्यालय देहरादून में शमनीय फौजदारी के 511, बैंक संबंधी 507, धन वसूली के 26, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के 57, पारिवारिक विवाद के 59, श्रम के 3, मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत 8,950 तथा अन्य सिविल प्रकृति के 48 मामलों सहित कुल 7,261 मामलों का निस्तारण कर 11,45,46,040 रुपये की धनराशि पर समझौता हुआ। स्थायी लोक अदालत में भी 25 मामलों का निस्तारण किया गया।
बाह्य न्यायालय विकासनगर में 1,242 मामलों का निस्तारण कर 1,21,09,000 रुपये, ऋषिकेश में 1,377 मामलों में 2,73,66,571 रुपये, डोईवाला में 241 मामलों में 2,43,28,663 रुपये, मसूरी में 52 मामलों में 9,15,917 रुपये तथा चकराता में 13 मामलों में 11,16,543 रुपये की धनराशि पर समझौते हुए।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज श्रीमती सीमा डुँगराकोटी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतें न्याय प्रणाली की गरिमा को सुदृढ़ करती हैं। लोक अदालतों के माध्यम से आपसी सहमति, संवाद एवं सौहार्द को बढ़ावा मिलता है। उन्होंने कहा कि लोक अदालतें आमजन को सरल, सुलभ एवं त्वरित न्याय प्रदान करने का प्रभावी माध्यम हैं तथा इनमें पारित निर्णय अंतिम व बाध्यकारी होते हैं। साथ ही, वाद निस्तारण के उपरांत पक्षकारों को जमा न्याय शुल्क भी वापस किया जाता है।
गौरतलब है कि इससे पूर्व 13 सितम्बर 2025 को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में भी देहरादून ने लगभग 21 हजार वादों का निस्तारण कर अपनी न्यायिक कार्यकुशलता का परिचय दिया था, जिससे जिले की पेंडेंसी एक लाख से नीचे आ गई थी।
