उत्तराखण्डराज्य

अग्निवीर दीपक सिंह का पार्थिव शरीर पंचतत्व में विलीन

चंपावत 24 नवंबर । राष्ट्र सेवा का जज्बा मन में पालने वाला अग्निवीर जवान दीपक सिंह पंचतत्व में विलीन हो गया। सेना की टुकडी ने शोक धुन के बीच जवान को अंतिम विदाई दी। 23 वर्षीय दीपक को अंतिम विदाई देने के लिए अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। पाटी विकासखंड के खरही श्मशान घाट पर हर आंख नम थीं।चंपावत जिले के पाटी विकासखंड के खरही गांव निवासी दीपक सिंह पुत्र शिवराज सिंह जम्मू कश्मीर के पुंछ में नियंत्रण रेखा पर सेना की अग्रिम चैकी पर तैनात थे। दो वर्ष पहले अग्निवीर के तौर पर भर्ती हुए थे।
प्रशिक्षण के बाद उन्हें जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले की मेंढर तहसील में नियंत्रण रेखा के पास सेना की अग्रिम चैकी में तैनाती मिली थी। 22 नवंबर को दोपहर संदिग्ध परिस्थितियों में चली गोली से दीपक सिंह की मौत हो गई थी।
सूबेदार दीपक के नेतृत्व में आए जवान सोमवार को दीपक की पार्थिव देह लेकर गांव पहुंचे। गांव के नौजवान का तिरंगे से लिपटा शव पहुंचते ही खरही में माहौल बेहद गमगीन हो गया। मां तारी देवी को बेटे की संदिग्ध मौत पर यकीन नहीं हो रहा है। पिता शिवराज सिंह भी गुमसुम हैं। मन में कई प्रश्न हैं लेकिन मुंह नहीं खोल पा रहे हैं।
सोमवार दोपहर बाद घर से श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकली। विधायक खुशाल अधिकारी, पूर्व विधायक पूरन फर्त्याल, प्रमुख शंकर अधिकारी, भाजपा प्रदेश मंत्री निर्मल माहरा, जिला महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, पूर्व जिलाध्यक्ष सुभाष बगौली, जिला पंचायत सदस्य सोनू बोहरा, एसडीएम अनुराग आर्य, सीओ शिवराज सिंह राणा, भोला बोहरा, मुकेश महराना आदि अंतिम यात्रा में शामिल रहे।

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