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53वें मुख्य न्यायमूर्ति के रूप में जस्टिस सूर्यकांत ने शपथ ग्रहण की

दिल्ली। हिसार जिले के गांव पेटवाड़ में जन्मे जस्टिस सूर्यकांत (शर्मा) ने देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण कराई।
मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई के 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने इन्होंने शपथ ग्रहण की ओर 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर बने रहेंगे।
10 फ़रवरी, 1962 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में पैदा हुए।
1981 में राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हिसार से स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
1984 में हिसार ज़िला न्यायालय में वकालत शुरू की।
1985 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे युवा महाधिवक्ता नियुक्त होने का गौरव प्राप्त किया।
मार्च 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
09 जनवरी 2004 को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने।
5 अक्टूबर 2018 से 23 मई 2019 तक हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश पद पर रहे!
24 मई, 2019 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।

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