बिल्डर सतेंद्र साहनी आत्महत्या मामले में जांच पूरी, पुलिस ने लगाई एफआर
देहरादून 23 नवम्बर । रियल एस्टेट सेक्टर के नामी बिल्डर सतेंद्र साहनी उर्फ बाबा साहनी आत्महत्या मामले में थाना राजपुर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 18 महीने बाद फाइनल रिपोर्ट पर जाकर बंद कर दी है। थाना राजपुर ने जिन चर्चित गुप्ता बंधु अजय गुप्ता और उनके बहनोई अनिल गुप्ता पर बाबा साहनी को आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया था। उसी में ही पुलिस को उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं जुटा पाई। जांच की फाइल बंद कर दी गई है।
बता दें देहरादून के नामी बिल्डर सत्येंद्र साहनी ने 24 में 2024 को सहस्त्रधारा रोड स्थित अपनी बेटी के पेसिफिक गोल्फ स्टेट में फ्लैट के आठवीं मंजिल से कूद कर आत्महत्या कर ली थी। बिल्डर की जेब से थाना राजपुर पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें सतेंद्र साहनी ने अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता का नाम लिखा था। इस सुसाइड नोट और बिल्डर के बेटे रणवीर सिंह साहनी के बयान के आधार पर थाना राजपुर पुलिस ने अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुछ दिनों बाद ही अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता की कोर्ट से जमानत हो गई थी । दोनों जेल से बाहर आ गए थे।
सतेंद्र साहनी दो कंपनियां साहनी इंफ्रास्ट्रक्चर और साहनी इंफ्रा के निदेशक थे. उन्होंने सहस्त्रधारा हेलीपैड के पास और राजपुर रोड पर अम्मा कैफे के पास दो आवासीय प्रोजेक्ट का निर्माण शुरू किया था। शुरुआत में उनके साथ पार्टनर के रूप में अन्य बिल्डर संजय गर्ग ही थे, लेकिन परियोजनाओं का बजट अधिक होने के कारण उन्होंने बड़े फाइनेंसर की तलाश थी। बड़े फाइनेंसर की तलाश के दौरान उन्होंने गुप्ता बंधु के साथ साझेदारी कर ली। मूल रूप से सहारनपुर के अजय,अतुल और राजेश गुप्ता दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता ब्रदर्स के नाम से चर्चित रहे हैं। 1990 के दशक में वहां बचाने के बाद उन्होंने खनन,आईटी और मीडिया में साम्राज्य खड़ा किया। साल 2010 के दशक में वह स्टेट कैप्चर घोटाले में फंस गए। जिसमें पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ साथ घाट के आरोप लगे थे। वहीं, साल 2019 में ओली में उनके बेटे की शादी में भाजपा कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हुए. जिस पर सवाल उठे थे। एसएसपी अजय सिंह ने बताया है इस मुकदमे से संबंधित तथ्यों के आधार एफआर दाखिल की गई है। साथ ही किसी भी शिकायतकर्ता को कोई आपत्ति नहीं है। पुलिस ने भी जांच पूरी की है।
