द हार्टफुलनेस वे: पुस्तक भाग 2 , “वास्तविकता की प्रकृति पर जीवन के महान प्रश्नों पर चिंतन ” कमलेश डी. पटेल, एलिज़ाबेथ डेनली

देहरादून 18 नवंबर । अपनी बेस्टसेलर पुस्तक ‘द हार्टफुलनेस वे’ के पहले भाग की अपार सफलता के बाद हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक और श्री राम चंद्र मिशन के अध्यक्ष दाजी, साक्षात्कारकर्ता एलिजाबेथ डेनली के साथ संवादात्मक रूप में पिछले भाग से आगे अपने ज्ञान को साझा करना जारी रखते हैं। दाजी हमें चेतना के विस्तार की यात्रा पर मानव जीवन के उद्देश्य की अंतिम अनुभूति तक ले जाते हैं।
मूलतः द हार्टफुलनेस वे, दूसरा भाग, हममें से उन सभी के लिए एक मार्गदर्शक पुस्तक है जो अपनी वर्तमान स्थिति, अपनी सभी मान्यताओं, सीमाओं, भय और कमजोरियों से उबरकर इसी जीवनकाल में खुशी, संतुलन और अपनी पूरी क्षमता का एहसास करना चाहते हैं।
दाजी आवश्यक दृष्टिकोण की स्पष्ट और व्यावहारिक रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं, यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत करते हैं और आवश्यक अभ्यास एवं साधन प्रदान करते हैं। वे बाधाओं और उन पर विजय पाने में हमारी सहायता के लिए समाधानों पर प्रकाश डालते हैं। उनका दृष्टिकोण सरल और अनुभवजन्य है और इसे कोई भी व्यक्ति रुचि और इच्छा से काम करते हुए और सामान्य पारिवारिक जीवन जीते हुए, अपना सकता है।
दाजी, जिन्हें कमलेश डी. पटेल के नाम से भी जाना जाता है, वैश्विक हार्टफुलनेस आंदोलन के चौथे और वर्तमान आध्यात्मिक मार्गदर्शक हैं। उन्होंने पिछले चार दशकों में दुनिया भर के लोगों को हार्टफुलनेस ध्यान का प्रशिक्षण दिया है।
दाजी बेस्टसेलर “द हार्टफुलनेस वे” (जोशुआ पोलक के साथ) और “डिज़ाइनिंग डेस्टिनी” के लेखक हैं। उनकी रचनाएँ टाइम्स ऑफ इंडिया, इकोनॉमिक टाइम्स, हिंदुस्तान टाइम्स और प्रमुख टेलीविजन नेटवर्कों में चर्चित हुई हैं। दाजी दुनिया भर में सम्मेलनों में मुख्य भाषण देते हैं और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं। उनका जुनून जमीनी स्तर के प्रयासों में, खासकर भारत के गाँवों में ध्यान को पहुँचाने में है। दाजी को अपने पोते-पोतियों के साथ भारत के कान्हा शांति वनम में प्रकृति की सैर करना बहुत पसंद है, जहाँ वे अपने परिवार के साथ रहते हैं।
एलिज़ाबेथ डेनली 36 वर्षों से हार्टफुलनेस की अभ्यासी रही हैं और संस्थान के विकास और विभिन्न प्रकाशनों में गहराई से शामिल रही हैं। उन्होंने पारिस्थितिक विज्ञान में पीएचडी भी की है और प्राकृतिक विज्ञान तथा योग विज्ञान में शोध में रुचि रखती हैं। वह अपना समय ऑस्ट्रेलिया और हार्टफुलनेस मुख्यालय, कान्हा शांति वनम के बीच बिताती हैं और जागरूकता एवं चेतना पर कार्यशालाओं की वक्ता और प्रस्तुतकर्ता हैं।


