उत्तराखण्डराजनीति

विशेष सत्र महत्वपूर्व एवं गौरवशाली, दलगत राजनीति से रखें ऊपर : भट्ट

हरदा, गैरसैण की चिंता करते तो उनके विधायक वहां सदन में सोते नहीं मिलते: भट्ट

*राज्य की प्रगति और उपलब्धियों पर होगी सकारात्मक चर्चा, नकारात्मक रुख से बचें विपक्ष : भाजपा*

देहरादून 22 अक्टूबर। भाजपा ने रजत जयंती वर्ष पर आयोजित विशेष सत्र को बहुत महत्वपूर्ण, गौरवशाली और गरिमामय बताते हुए, दलगत राजनीति से ऊपर रखने का आग्रह किया है। प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने कहा, सत्र में हम इन 25 वर्षों में राज्य की प्रगति और उपलब्धियों पर विमर्श करने वाले हैं। लिहाजा राजनैतिक आलोचनाओं के लिए अन्य बहुत सत्र मिलेंगे। अन्यथा गैरसैण में सत्र की चिंता करने वालों को वहां सदन में सोते भी प्रदेश ने देखा है।

विभिन्न माध्यमों द्वारा पूछे गए मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए उन्होंने कहा, वर्ष 2000 से लेकर अब तक राज्य की तरक्की और खुशहाली में सभी राजनैतिक दलों और उनकी सरकारों ने भूमिका निभाई है। जिसमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान प्रदेशवासियों का रहा है और उनकी इसी भावनाओं का प्रकटीकरण विशेष सत्र में निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा। यह दो दिन का सत्र ऐसा गौरवशाली और गरिमामई मंच भी होगा, जिसमें राज्य के अब तक के सफर की उपलब्धियों की चर्चा होगी। साथ ही विकास एवं जनकल्याण के मुद्दों पर नीतिगत विमर्श से निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया जायेगा कि आगे क्या और बेहतर किया जा सकता है। लिहाजा सत्र के दौरान परंपरा अनुसार सभी सदस्यों को दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए प्रदेश हित की चर्चा में प्रतिभाग लेना चाहिए।

उन्होंने सत्र को लेकर विपक्षी नेताओं की बयानबाजी को निराशाजनक बताते हुए, अपने नकारात्मक रवैए पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया। वहीं तंज किया कि उनके पूर्व सीएम, जो गैरसैण में विशेष सत्र कराने की चिंता कर रहे हैं, क्या उन्होंने अपने विधायकों को वहां सदन के अंदर कम्बल ओढ़कर सोते हुए टीवी पर नहीं देखा था। जो तमाम राजनीतिक विषय, विशेष सत्र में उठाने की बात नेता प्रतिपक्ष कर रहे हैं, वह सब वह हमेशा उठाते रहते हैं। इन्हीं मुद्दों पर दो विधानसभा और दो लोकसभा समेत अनेकों चुनाव संपन्न हो चुके हैं और जनता का निर्णय सबके सामने है। लिहाजा बेहतर है कि ऐसे तमाम नकारात्मक विषय, विपक्ष अन्य सत्रों में उठाए। उन्होंने आग्रह किया कि इस सत्र में सभी पक्षों द्वारा सकारात्मक चर्चा की जाए और रजत जयंती की गरिमा बरकरार रखते हुए इसमें राज्य के भविष्य आधारित मानक निर्धारित किए जाएं।

Related Articles

Back to top button