दिवाली कै लिए फूलों से सजे बदरी-केदार मंदिर

देहरादूनं 19 अक्टूबर। उत्तराखण्ड स्थित हिन्दुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल चारों धार्मो में दीपावली के लिए विशेष तैयारियां की जा रही हैं। दीपावली को लेकर बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में मंदिरों को फूलों से सजाया गया है। दीपावली के मौके पर चारोंधामों में सफाई और सजावट का काम पूरा हो चुका है। इस दिन मंदिरों में भजन-कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। दीपावली से पहले बदरीनाथ धाम को गेंदे के फूलों से सजाया गया है। दिवाली के दिन बदरीनाथ धाम कुबेर और माता लक्ष्मी की स्पेशल पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन बदरी विशाल के खजाने की पूजा भी की जाती है। बदरी विशाल का खजाना सुख समृद्धि का प्रतीक है। दिवाली के मौके पर बदरीनाथ धाम में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही भगवान बदरी विशाल को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
केदारनाथ धाम में भी दीपावली को लेकर खास तैयारियां की गई है। बदरी केदार मंदिर समिति के सदस्य विनीत पोस्ती ने बताया दिवाली को लेकर केदारनाथ मंदिर को 12 कुंतल फूलों से सजाया गया है। उन्होंने बताया दिवाली के मौके पर केदारनाथ धाम में विशेष पूजा की जाएगी।
गंगोत्री और यमुना धाम में दीपावली की तैयारियों को लेकर तीर्थ पुरोहित मंदिरों को सजाने में लगे हुए हैं। दीपावली पर्व पर मां गंगा और यमुना की विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। जिसके बाद कपाट बंद होने के साथ गंगा अैर यमुना की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखब और खरसाली गांव के लिए आएगी। जिसके बाद छह माह के श्रद्धालु दर्शन कर सकते हैं। गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित राजेश सेमवाल ने बातया कि दैनिक पूजा के साथ ही दिपावली पर्व पर मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की जाती है. इस दौरान पूरे मंदिर परिसर में दीपक लगाए जाएंगे. धाम में दीपावली धूमधाम से मनाई जाएगी। जिस पर तीर्थ पुरोहित सहित आम श्रद्धालु मंदिर परिसर में भैलू जलाकर दिपवाली का पर्व मनाएंगे। इससे पूर्व मां गंगा के मंदिर को करीब 8 क्विंटल फूलों से सजाया जाएगा। दीपावली के बाद 22 अक्तूबर को छह माह के लिए धाम के कपाट बंद किए जाएंगे। साथ ही गंगा की उत्सव डोली शीतकालीन प्रवास मुखब गांव में विराजमान होगी। जिसके बाद मुखबा गांव में छह माह के लिए श्रद्धालु दर्शन करत सकते हैं। वहीं, यमुनोत्री धाम के तीर्थपुरोहित विनय उनियाल ने बताया दिपावली पर्व पर मां यमुना का मंदिर को सजाने की तैयारियां चल रही है। इस दौरान मां लक्ष्मी के साथ ही मां यमुना की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। 23 अक्टूबर को कपाट बंद हो जाएंगे। जिसके बाद मां यमुना की उत्सव डोली अपने भाई शनि महारजा के साथ खरसाली गांव पहुंचेगी। जिसके बाद सभी श्रद्धालु खरसाली गांव में मां यमुना के दर्शन करेंगे।