आपदा के बाद की आवश्यकताओं के आकलन (PDNA) विशेषज्ञ टीम ने की बैठक एवं क्षति का किया मूल्यांकन

रुद्रपुर 16 अक्टूबर । आपदा के बाद की आवश्यकताओं के आकलन (Post&Disaster Needs Assessment & PDNA) के तहत आज जिला आपदा प्रबंधन सभागार में जिलाधिकारी नितिन सिंह भदोरिया के निर्देशन में बैठक आयोजित की गई। बैठक में विशेषज्ञ टीम द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में हुई क्षति का विस्तृत मूल्यांकन किया गया तथा पुनर्वास और पुनर्निर्माण की आवश्यकताओं पर चर्चा की गई।
Pdna एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाई जाने वाली वैज्ञानिक पद्धति है, जिसके माध्यम से आपदा के पश्चात हुई क्षति का सटीक आकलन कर पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण की कार्ययोजना तैयार की जाती है।
अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय व ओसी आपदा प्रबंधन गौरव पांडे ने टीम को जनपद में आयी आपदा तथा राहत एवं पुनर्निर्माण के लिए किए गए कार्यों की जानकारी पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी और प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी द्वारा जनपद स्तरीय नामित नोडल अधिकारियों के साथ क्षतिग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण करवाया गया.
टीम द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्र पटपुरा, सैजना एवं नौसर खटीमा में क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों, आवासों एवं सिडकुल सितारगंज आजीविका से संबंधित क्षति का स्थल निरीक्षण एवं मूल्यांकन किया गया। पुनर्निर्माण एवं पुनर्वास हेतु आवश्यक रणनीतियों पर संबंधित विभागों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
विशेषज्ञ टीम ने किसानों को हुए नुकसान को लाइवलीहुड के अंतर्गत शामिल करते हुए PDNA रिपोर्ट में सम्मिलित कर आंकलन करने के सुझाव दिए। टीम ने बताया कि तैयार की जा रही आकलन रिपोर्ट के आधार पर दीर्घकालिक पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण की रूपरेखा तैयार कर शासन को प्रेषित की जाएगी।
बैठक में निदेशक यूएलएमएमसी (उत्तराखण्ड लैंड स्लाइड मिटीगेशन मैनेजमेंट कमेटी) शांतनु सरकार, विशेषज्ञ सीएसआइआर डी0पी0 कानूनगो, डॉ रूपम शुक्ला, डॉ अशोक ठाकुर, रानु चौहान, अस्सिटेंट प्रो0 आइआइटी अनुपम, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी उमाशंकर नेगी , अधीक्षण अभियन्ता पेयजल निगम मृदुला सिंह, लो0नि0वि अनिल पागंती , सिचांई पी0के0 दिक्षित, एसीएमओ डॉ एस0पी0 सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी के0एस0 रावत, सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।