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शाश्वती मंडल के हिंदुस्तानी शास्त्रीय राग-संगीत ने विरासत में चलाया “जादू”

…….और मद-मस्त हो गए विरासत की महफिल के मेहमान

देहरादून 14 अक्टूबर ।

विख्यात हिन्दुस्तानी संगीत के कलाकार शाश्वती मंडल ने अपने गायन की शुरुआत राग जयजयवंती में विलंबित ख्याल में बंदिश “माथे जद चंदा…..” से की। तत्पश्चात् उन्होंने धृत एक ताल में एक बंदिश गाई, ”बैरन जागी……” विरासत की महफिल में उनके साथ हारमोनियम पर पं. धर्मनाथ मिश्र, तबले पर पं. मिथिलेश झा और तानपुरा पर उनकी शिष्या चिन्मयी आठले साठे ने बेहतरीन एवं भव्य संगत की।

भारतीय शास्त्रीय संगीतों के सुर और भिन्न-भिन्न रागों से हर दिन विरासत महोत्सव की शाम एक यादगार शाम के रूप में दर्ज होती जा रही है I इसी कड़ी में आज विरासत की संध्या काल में प्रसिद्ध हिंदुस्तानी लोक गायक शाश्वती मंडल की मनमोहक प्रस्तुति भी सभी के लिए यादगार बन चुकी है I देश-विदेश में विख्यात यह नामचीन महिला हस्ती आज विरासत में मौजूद रहीं और उन्होंने अपने हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत से सभी के दिल और दिमाग पर राज कर लिया I

शाश्वती मंडल एक मशहूर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायिका हैं। वे ग्वालियर घराने की एक प्रतिपादक हैं। उनका जन्म संगीतकारों के एक परिवार में हुआ था। उनके नाना पंडित बालाभाऊ उमड़ेकर ‘कुंडलगुरु’ ग्वालियर के शाही दरबार में गायक थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शास्त्रीय शिक्षा बहुत कम उम्र में अपनी मां श्रीमती कमल मंडल के मार्गदर्शन में शुरू की। उन्हें ग्वालियर घराने के दिग्गज गायक पंडित बालासाहेब पूंछवाले से सीखने के लिए संस्कृति विभाग,भारत सरकार से छात्रवृत्ति मिली, जिन्होंने उन्हें ग्वालियर गायकी की बारीकियाँ सिखाईं और उन्हें जीवंत अर्ध-शास्त्रीय शैली, टप्पा गायन की कला का भी प्रशिक्षण दिया।

उन्होंने ठुमरी के लिए पूर्णिमा चौधरी, ध्रुपद के लिए गुंदेचा बंधुओं और ग़ज़ल गायन के लिए सरबत हुसैन से भी कुछ समय तक शिक्षा प्राप्त की। उन्हें गंधर्व महाविद्यालय नई दिल्ली के मधुप मुद्गल के अधीन अध्ययन हेतु संस्कृति फाउंडेशन की मणि मान फ़ेलोशिप प्राप्त हुई। इसके अतिरिक्त वे कुमार गंधर्व की गायकी और जयपुर-अतरौली घराने के प्रदर्शनों की सूची से भी काफ़ी प्रभावित हैं। उन्हें टप्पा गायन की अग्रणी गायिकाओं में से एक माना जाता है। उन्होंने भारत और विदेशों में व्यापक रूप से प्रदर्शन किया। उनके कुछ प्रमुख प्रदर्शनों में पुणे में सवाई गंधर्व भीमसेन महोत्सव, यूनाइटेड किंगडम में दरबार महोत्सव, अहमदाबाद में सप्तक वार्षिक संगीत महोत्सव और कई अन्य उत्सव शामिल हैं।

शाश्वती ऑल इंडिया रेडियो में एक ‘उच्चतम’ श्रेणी की कलाकार हैं और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद में एक सूचीबद्ध कलाकार हैं। उन्हें अपने करियर में कई पुरस्कार मिले हैं I शाश्वती ने ऑल इंडिया रेडियो, भोपाल में एक स्टाफ कलाकार और मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई में संगीत के सहायक प्रोफेसर के रूप में भी काम करके अपनी पहचान को आगे बढ़ाया।

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