उत्तराखण्डकानून व्यवस्था

वीसी के माध्यम से एडीजी अपराध ने दिए त्योहार सुरक्षा और विवेचना संबंधी निर्देश

देहरादून। उत्तराखंड के अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था श्री वी. मुरुगेशन ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गढ़वाल और कुमाऊं रेंज सहित सभी जनपदों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक की। इस दौरान आगामी 5 सितम्बर को मनाए जाने वाले ईद-ए-मिलाद/मिलाद-उल-नबी (बारावफात) पर्व की सुरक्षा व्यवस्था और लंबित विवेचनाओं पर विस्तृत चर्चा की गई।

एडीजी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पर्व के दौरान साम्प्रदायिक सौहार्द और शांति व्यवस्था बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसके लिए थाना स्तर पर आज ही सीएलजी एवं पीस कमेटी की बैठकें आयोजित की जाएं। पर्व के दौरान भीड़भाड़ को देखते हुए यातायात व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाए और ट्रैफिक प्लान तैयार किया जाए, ताकि आवागमन में किसी प्रकार की बाधा न आए। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर आतिशबाजी से बचाव सुनिश्चित किया जाए तथा जुलूसों को पूर्व की भांति परंपरागत मार्गों से ही निकाला जाए।

लंबित विवेचनाओं को लेकर एडीजी मुरुगेशन ने कहा कि हर लंबित विवेचना न केवल पीड़ित को न्याय दिलाने में विलंब करती है, बल्कि यह पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े करती है। अतः यह आवश्यक है कि सभी विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित हो। उन्होंने जनपद प्रभारियों को निर्देश दिए कि वे स्वयं लंबित विवेचनाओं की नियमित निगरानी करें, उनकी प्रगति की समीक्षा करें और शेष कमियों को प्राथमिकता से दूर कर जल्द से जल्द निस्तारण सुनिश्चित करें।

गैंगस्टर एक्ट से संबंधित लंबित मामलों की कार्यवाही को जिलाधिकारियों से समन्वय कर तत्काल पूर्ण करने के निर्देश दिए गए। इसके साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के परिक्षेत्र प्रभारियों को विशेष रूप से दो वर्ष से अधिक समय से लंबित मूल विवेचना, पार्ट पेंडिंग और पुनर्विवेचनाओं की समीक्षा कर निस्तारण कराने को कहा गया। एडीजी ने चेतावनी दी कि विवेचना में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जवाबदेही तय कर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

इस समीक्षा बैठक में पुलिस महानिरीक्षक अपराध एवं कानून व्यवस्था श्री नीलेश आनंद भरणे, एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री नवनीत भुल्लर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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