उत्तराखण्डराजनीति

प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर करन माहरा ने प्रदेश सरकार को घेरा

जितेंद्र आत्महत्या केस में पुलिस व सरकार की भूमिका को बताया चिंतनीय

देहरादून 24 अगस्त । कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर धामी सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि जितेंद्र आत्महत्या केस में पुलिस और सरकार की भूमिका चिंतनीय है। उन्होंने आरोप लगा है कि जितेंद्र आत्महत्या मामले में वीडियो के आधार पर उनके पिता की तहरीर पर मुकदमा लिखा गया, लेकिन 3 घंटे बाद सोची समझी रणनीति के तहत पुलिस आरोपी भाजपा नेता को बचाने के लिए दूसरा मामला दर्ज कर देती है। जिसमें अवैध असलाह और जंगली सूअर के शिकार किए जाने का जिक्र किया गया है। उन्होंने आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है।
बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हमलावर है। कांग्रेस कानून व्यवस्था को लेकर लगातार सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है।कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि जब किसी मामले में एक एफआईआर दर्ज हो जाती है तो फिर दूसरी एफआईआर नहीं होती। हालांकि तहकीकात के बाद कुछ चीजें ऐड जरूर की जाती है। लेकिन जितेंद्र आत्महत्या केस में कुछ उल्टा ही देखने को मिल रहा है।
उन्होंने दूसरी एफआईआर जो बाद में लिखाई गई है उसको रद्द किए जाने की मांग की है। करन माहरा ने कहा जिस तरह अंकिता भंडारी हत्याकांड में वीआईपी को बचाने का काम किया गया। इसी तरह इस मामले में भी पुलिस दूसरी तहरीर लिखकर आरोपी को बचाने में जुट गई है, जो भाजपा का खास आदमी है।
उन्होंने आगे कहा कि आरोपी के संबंध और पहुंच राज्य के शीर्ष भाजपा नेताओं और राष्ट्रीय नेताओं तक से रहे हैं। उन्होंने इस मामले की पूरी जांच किए जाने और पूरे थाने को सस्पेंड किए जाने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि सरकार बार-बार न्याय की बात कर रही है, लेकिन दूसरी तरफ 3 घंटे बाद पुलिस ने दूसरा मामला दर्ज कर दिया। कहा कि अंकिता भंडारी मामले में भी सरकार ने न्याय की बात की थी, लेकिन आज तक तथाकथित वीआईपी का पता नहीं चल पाया।
जिस विधायक ने रिजॉर्ट मे बुलडोजर चलाकर साक्ष्य नष्ट किए, उस विधायक से आज तक पूछताछ नहीं की गई है। ऐसे में न्याय की बात करने वाली भाजपा सरकार अंकिता भंडारी को भी न्याय नहीं दिला सकी है। उन्होंने पंचायत चुनाव में नैनीताल द्वाराहाट मे हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि हरिद्वार में किसान स्मार्ट मीटर का विरोध कर रहे थे, लेकिन कभी किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा रहा है तो कभी उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा है।

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