पन्नी व छतरीयों की आड़ में किया दाह संस्कार, मांग के बावजूद नहीं मिला टीन सेड
चौसाना, शामली। देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। किन्तु जमीनी हकीकत बिल्कुल जुदा है। देश को आजाद हुए 78 वर्ष हो गए हैं। किन्तु अभी भी कुछ बड़े गांव मौलिक सुविधाओं से वंचित हैं।
यह वाक्या हैं ऊन तहसील के चौसाना क्षेत्र के गांव गढ़ी हसनपुर का जहां बिमारी के चलते गत दिवस प्रवीण मित्तल की पत्नी सीमा का देहांत हो गया था। बारिश से जद्दोजहद के बीच पन्नी व छतरियों की आड़ में दाह संस्कार करना पड़ा। चार हजार की आबादी वाले गांव में श्मसान घाट में टीन सेड के ना होने पर ग्रामीणों में भारी रोष है। ग्राम प्रधान पति रविन्द्र कुमार “बिल्लू” का कहना है कि बार-बार प्रशासन से मांग करने पर भी टीन सेड नहीं दिया जा रहा है। अपितु आश्वासन हर बार मिलता है। योगी सरकार में नित्य विकास के नये आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। जिला प्रशासन को संज्ञान लेकर ग्रामीणों की इस समस्या का समाधान कर मूलभुत सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।