चौसाना चौकी बवाल: महिलाओं की आड़ में पुरुषों ने भी किया हमला, पत्रकार भी घायल
चौसाना,शामली। गांव जिजौला में सोमवार को हुए सड़क हादसे में दथेड़ा गांव के दो युवकों, मुकेश और प्रवीण की मौत के बाद मंगलवार को माहौल उग्र हो गया। सुबह से ही चौसाना पुलिस चौकी पर ग्रामीणों का जुटाव शुरू हो गया था। इसी दौरान ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर आई महिलाओं की भीड़ अचानक चौकी परिसर में घुस गई और हेड मुहर्रिर कार्यालय की ओर बढ़ते हुए हंगामा करने लगी।
महिलाओं ने टेबल पर रखे कागजात और सामान फेंकना शुरू कर दिया। ड्यूटी पर मौजूद हेड मुहर्रिर प्रवीण कुमार ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की, तो भीड़ ने उनके साथ मारपीट कर दी। इस दौरान कवरेज कर रहे पत्रकार को भी निशाना बनाया गया और उनके साथ भी गंभीर मारपीट हुई। अन्य पत्रकारों ने बीच-बचाव कर किसी तरह उन्हें भीड़ से बाहर निकाला।
घटना पूरी तरह सुनियोजित प्रतीत हुई। महिलाओं के पीछे-पीछे पुरुष भी चौकी में घुस आए, जिन्होंने मौके का फायदा उठाकर हमला किया। यह सब एक रणनीति के तहत किया गया, ताकि पुलिस पर दबाव बनाया जा सके।
इसके बाद सैकड़ों लोगों ने चौकी परिसर में धरना शुरू कर दिया। हालात को देखते हुए थाना प्रभारी जितेंद्र शर्मा मौके पर पहुंच चुके थे। उनके बाद सीओ सिटी अमरदीप मौर्य, तहसीलदार उम्र भी मौके पर पहुंचे। सीओ सिटी, ठाकुर करण सिंह और भाजपा नेत्री रूबी चौधरी भीम ओके पर पहुंच चुके थे जिन्होंने लोगों से बातचीत कर कार्रवाई के आश्वासन पर भीड़ को शांत किया।
मौके पर चौकी बिडोली और ऊन की पुलिस भी पहुंची। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बाद में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया था, ताकि हालात काबू में रखे जा सकें।
इसी बीच हादसे में शामिल पिकअप वाहन के चालक अंकित पुत्र कीरत पाल, निवासी कसेरवा कला, थाना आदर्श मंडी शामली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
पोस्टमार्टम के बाद दोनों मृतकों के शव गांव लाए गए, जहां शाम करीब 3:30 बजे अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव में शोक और गुस्से का माहौल रहा।
सीओ सिटी ने बताया कि लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पत्रकार पर हुए हमले की भी जांच कर दोषियों को चिह्नित किया जाएगा।
कुछ स्थानीय नेताओं ने यह अफवाह फैलाई कि ड्राइवर को पैसे देकर छोड़ दिया गया, जबकि वह मौके से घटना के समय से ही फरार था और बाद में गिरफ्तार किया गया। वहीं पिकअप में भरे सामान को लेकर भी भ्रामक बातें फैलाई गईं कि पिकअप में लगा सामान जप्त क्यों नहीं गया ? मालिक को क्यों सौंपा गया ?
रिर्पोट : चौसाना से शकील राणा के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।