उत्तराखण्डराजनीति

विकास के मुद्दे पर जनता, रिकॉर्ड मतदान करने जा रही है : भट्ट

हरिद्वार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की स्वर्णिम सफलता दोहराएगी भाजपा : भट्ट

देहरादून 23 जुलाई। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्री महेंद्र भट्ट ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में मतदाताओं से विकास के मुद्दे पर रिकॉर्ड मतदान का दावा किया है। कहा, उनके पहले कार्यकाल की शुरुआत में पार्टी एकतरफा हरिद्वार पंचायत चुनाव जीती थी, इस बार भी पहले ही चुनाव में हम प्रचंड जीत हासिल करेंगे। लेकिन अफसोस विपक्ष झूठे आरोपों के साथ चुनाव मैदान से बाहर बैठा हुआ है और अपनी सारी उम्मीद निर्दलीयों से लगाए है।

उन्होंने मीडिया से हुई बातचीत में कहा, कल राज्य में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान होना है जिसको लेकर जनता में जबरदस्त उत्साह है। उन्होंने सभी मतदाता विकास के मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए अधिक से अधिक वोट करने जा रहे हैं। चुनाव में पार्टी की उम्मीदों को लेकर पूछे सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने अपने पहले कार्यकाल की शुरुआत का जिक्र करते हुए कहा, तब हरिद्वार जिला पंचायत अध्यक्ष समेत सभी ब्लॉक प्रमुख सीटों को पार्टी ने जीता था। उसी तरह इस बार भी जिस तरह का रुझान, जनता के बीच से प्राप्त हो रहा है उससे सभी 12 पंचायत अध्यक्ष समेत कुल 89 ब्लॉक प्रमुखों में से अधिकांश पर भाजपा का चुना जाना स्पष्ट नजर आ रहा है। कहा, पार्टी ने जिला पंचायत की कुल 358 में से 320 पर समर्थित प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें अधिकांश हम जीतने जा रहे हैं। प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य की सीटों पर भी बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता चुनकर आ रहे हैं। क्योंकि पीएम मोदी के मार्गदर्शन और सीएम धामी के नेतृत्व में चारों और हो रहे विकास को दुनिया देख रही है। ग्रामीण जनमानस में भी आम धारणा है कि गांव के विकास की गाड़ी में भाजपा का ट्रिपल इंजन लगाना बहुत जरूरी है।

कांग्रेस के आरोपों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने निशाना साधा कि विपक्ष तो चुनाव के मैदान से ही बाहर बैठा हुआ है और निर्दलीयों की परफॉर्मेंस पर नजर गड़ाए हुए हैं। कांग्रेस की हालत यह है कि उसने लगातार पंचायत चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालकर, अपनी हार को टालने के लिए हर संभव प्रयास किए। कांग्रेस को तो जिला पंचायत सदस्य पद के लिए समर्थित प्रत्याशी तक नहीं मिले। उनके कार्यकर्ताओं ने नुकसान के डर से कांग्रेसी उम्मीदवार बनने से ही इनकार कर दिया। यही वजह है कि चुनाव में भी घर पर खाली बैठे उनके नेता, अब प्रक्रिया को लेकर रोज नए नए मीन मेख निकाल रहे हैं। बिल्ली के भाग्य से छींका फूटने जैसी उनकी सारी उम्मीदें अब निर्दलीयों उम्मीदवारों पर टिकी हैं।

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