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ईडीआईआई ने एमएसएमई दिवस 2025 मनाया, समावेशी और निरंतर विकास के प्रति प्रतिबद्धता को किया मजबूत

देहरादून 30 जून । 25वें एमएसएमई दिवस के अवसर पर, भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (ईडीआईआई) ने भारत के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की दृढ़ता और उद्यमशीलता की भावना का उत्सव मनाया और केम्पस में ‘एमएसएमई टॉक’ का आयोजन करके जमीनी स्तर के विकास और राष्ट्रीय प्रगति में उनकी भूमिका की सराहना की।
इस दिन का मुख्य आकर्षण था ‘एमएसएमई टॉक’ जो आर.डी. बर्हाट, संयुक्त आयुक्त, उद्योग विभाग, गुजरात सरकार द्वारा ‘बदलते व्यावसायिक परिदृश्य में एमएसएमई के लिए सतत विकास पथ’ विषय पर प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई भी उपस्थित रहे।

श्री बर्हाट ने सभा को संबोधित करते हुए भारत की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने डिजिटल विघटन, वैश्विक अनिश्चितताओं और पर्यावरणीय चिंताओं के बीच सतत विकास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “एमएसएमई के लिए सतत विकास समावेशी, जिम्मेदारी और इनोवेशन से प्रेरित होना चाहिए। यह आवश्यक है कि एमएसएमई पर्यावरणीय और सामाजिक मानकों से समझौता किए बिना आर्थिक विस्तार करें। अनुकूलता, इनोवेशन और रणनीतिक नीति समर्थन को अपनाकर, एमएसएमई अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं और भारत के विकास एजेंडे को आगे बढ़ा सकते हैं।”
पिछले एक वर्ष में, ईडीआईआई ने देश भर में 2,200 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं, और एक लाख से अधिक उद्यमियों तक पहुंच बनाई है, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समर्थित ईएसडीपी के अंतर्गत, जो मौजूदा और संभावित उद्यमियों पर विशेष जोर देता है। अपने इनोवेशन-प्रेरित आवासीय कार्यक्रमों के माध्यम से, एमएसएमई प्रोमोटर्स को बिजनेस एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, एग्रो-प्रोसेसिंग और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) संचालन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण देता है।
इसके अलावा, संस्थान ने एमएसएमई दिवस के अवसर पर महाराष्ट्र में महिला नेतृत्व वाले उद्यमों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम की शुरुआत की, जो महाराष्ट्र स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (MSSIDC) द्वारा समर्थित रेज़िंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) कार्यक्रम के अंतर्गत था। ईडीआईआई महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्यों के उद्यम-रजिस्टर एमएसएमई और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का समर्थन करने के लिए निकटता से कार्य कर रहा है। इस पहल के तहत केंद्रित प्रशिक्षण मॉड्यूल GeM, बौद्धिक संपदा अधिकार, वित्तीय प्रबंधन और संचालन को कवर करते हैं जो उद्यमियों को सतत रूप से विकसित करने में मदद करते हैं।
डॉ. सुनील शुक्ला, डायरेक्टर जनरल, ईडीआईआई ने कहा, “एमएसएमई केवल आर्थिक इकाइयां नहीं हैं, ये भारत में लाखों लोगों के लिए ईनोवेशन, लचीलापन और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं। ईडीआईआई में, हमारा फोकस इस महत्वपूर्ण रीढ़ को मजबूत करने पर है, ताकि उद्यमियों को सतत विकास के लिए सही कौशल, उपकरण और मानसिकता मिल सके। कौशल विकास, मार्गदर्शन और ढांचागत संरचना समर्थन के माध्यम से, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि प्रत्येक उद्यमी, चाहे उसका पृष्ठभूमि और स्थान कुछ भी हो, आज के विकसित हो रहे आर्थिक परिदृश्य में सफल होने का समान अवसर पाए।”
ढांचागत विकास में ईडीआईआई का योगदान भी समान रूप से प्रभावशाली है। एसआईडीबीआई क्लस्टर डेवलपमेंट फंड के तहत परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में, संस्थान ने पिछले 3 वर्षों के दौरान 21 राज्यों में ₹10,000 करोड़ की ढांचागत विकास परियोजनाओं का मूल्यांकन करने में एसआईडीबीआई का समर्थन किया है। यह परियोजना एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में सहायक रही है।  साथ ही, संस्थान गुजरात के प्रमुख उद्योग क्लस्टरों में सामान्य सुविधा केंद्र (CFCs) स्थापित करने के लिए एमएसई-सीडीपी योजना को कार्यान्वित कर रहा है, जो इसके जमीनी स्तर पर प्रभाव को और बढ़ाता है।
भारत के कोने-कोने में अपनी उपस्थिति के साथ, ईडीआईआई भारत की उद्यमशीलता यात्रा को आगे बढा रहा है, जो क्षमता निर्माण, नवाचार और समावेशी विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत की कल्पना को साकार कर रहे हैं।

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