भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं गहन आध्यात्मिक संदेश से युक्त हैं:आचार्य शशिकांत

देहरादून 14 जून। ओम् पैलेस, बालावाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव पांचवें दिवस के शुभ पावन अवसर पर कथा में श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का भावपूर्ण रसपान किया। कथा वाचक पूज्य आचार्य शशिकांत जी महाराज ने भगवान के जन्म, गोकुल आगमन, पूतना वध, शकटासुर मोचन, और माखन चुराने की लीलाओं का रसपूर्ण वर्णन किया।
आचार्य जी ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि गहन आध्यात्मिक संदेश से युक्त हैं। पूतना वध यह दर्शाता है कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिए बाल रूप में भी सक्षम हैं। बाल्यकाल में माखन चुराना,ग्वाल बालों संग क्रीड़ा करना और माता यशोदा की गोद में खेलना—ये सब भक्तों को ईश्वर से स्नेहपूर्वक जुड़ने की प्रेरणा देते हैं।
कथा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। भजन-कीर्तन,मंत्रोच्चारण और बाल लीलाओं की झांकियों ने माहौल को आध्यात्मिक रंगों से सराबोर कर दिया। बच्चों द्वारा प्रस्तुत रासलीला और कृष्ण जन्म की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तराखंड विद्वत सभा के अध्यक्ष पंडित विजेंद्र प्रसाद ममगांई,निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, उमा नरेश तिवारी भाजपा नेता विशाल गुप्ता, आयुषी गहलौत, क्षेत्रीय पार्षद ,विनोद त्यागी, जयकरन मिश्रा ,श्रीमती शर्मिला, शताक्षी, अमरीश तिवारी आदि लोग उपस्थित रहे।