कूपर कॉर्पोरेशन का क्लीन एनर्जी इंजन अब हो गया है ग्लोबल,अमेरिका और जापान को निर्यात की जाने वाली जनरेटर सेट की भेजी गई पहली खेप

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कूपर कॉर्पोरेशन के 10 kVA और 25 kVA के फ्लैगशिप गैस जेनसेट इकलौते ऐसे इंजन हैं, जो EPA की कसौटी पर खरे उतरते हैं और पहली बार भारत से निर्यात के लिए तैयार हैं

देहरादून 07 जून । कूपर कॉर्पोरेशन पूरी दुनिया में इंजन, इंजन के कल-पुर्जों और जनरेटर के निर्माण के लिए मशहूर है, जिसने बड़े गर्व के साथ गैस से चलने वाले जेनसेट की अपनी पहली बड़ी शिपमेंट अमेरिका को भेजने की घोषणा की। यह एक बड़ी उपलब्धि है जिससे पता चलता है कि कंपनी ने अमेरिका को बड़े पैमाने पर किए जाने वाले निर्यात की शुरुआत कर दी है। कंपनी आने वाले समय में 5 kVA से 500 kVA तक के जेनसेट के निर्यात के लिए तैयार है, जिन्हें अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) की ओर से मंजूरी दी गई है।
कूपर कॉर्पोरेशन के 10 kVA और 25 kVA के फ्लैगशिप गैस जेनसेट भारत में इस तरह के इकलौते ऐसे इंजन हैं, जो EPA की कसौटी पर खरे उतरते हैं, जिससे जाहिर होता है कि इंजीनियरिंग के मामले में कंपनी सबसे आगे है और पर्यावरण के नियमों का पालन करने के इरादे पर अटल है। अमेरिकी बाज़ार में इन सभी जेनसेट्स को, खास तौर पर 25 kVA वाले वेरिएंट को बेहद शानदार प्रतिक्रिया मिल रही है।
अमेरिका के अलावा, कूपर जापान को भी अपने वी-ट्विन एलपीजी 10 kVA जेनसेट का निर्यात कर रहा है और इसके लिए कंपनी ने जापान की सिंफ़ोनिया को अपना साझेदार बनाया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस विस्तार से पता चलता है कि, ग्लोबल पावर सॉल्यूशन इंडस्ट्री में कूपर की मौजूदगी लगातार बढ़ रही है।
कंपनी का मान बढ़ाने वाले इस अवसर पर, कूपर कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर,श्री फरोख एन. कूपर ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “आज कूपर कॉर्पोरेशन के लिए ऐतिहासिक और कंपनी का मान बढ़ाने वाली उपलब्धि का दिन है, क्योंकि हम अमेरिका को EPA-सर्टिफाइड जेनसेट के बड़े पैमाने पर निर्यात का शुभारंभ कर रहे हैं। इससे जाहिर होता है कि हम इनोवेशन, बेहतरीन क्वालिटी और वैश्विक पर्यावरण मानकों के पालन के अपने इरादे पर अटल हैं। इस इंडस्ट्री में सबसे आगे होने और EPA की कसौटी पर खरे 25kVA गैस जेनसेट के एकमात्र भारतीय निर्माता होने के नाते, हमें अमेरिका
को 25kVa जेनसेट की कई थोक शिपमेंट में से पहली शिपमेंट भेजने पर गर्व है। इसके अलावा, हम सिंफ़ोनिया के साथ मिलकर जापान को अपने वी-ट्विन एलपीजी 10 kVA जेनसेट का निर्यात करके दुनिया में अपनी मौजूदगी को भी बढ़ा रहे हैं।  
अपने देश में, हमारे इंजन एक दशक से ज्यादा समय से भारतीय सेना के लिए भरोसेमंद रहे हैं, जिसमें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी उनकी अहम भूमिका रही है। साथ ही, फरवरी 2025 में लॉन्च किए गए हमारे 50 HP ट्रैक्टर को भी भारत मे काफी पसंद किया गया है। हमारी टीम की सच्ची लगन, हमारे ग्राहकों तथा सप्लायर्स के भरोसे के साथ-साथ सातारा में हमारी सौ साल से भी ज्यादा पुरानी विरासत और यहां की मिट्टी से गहरे जुड़ाव की वजह से ही इन उपलब्धियों को हासिल करना संभव हो पाया है। हमारे संस्थापक, सर धनजीशाह बी. कूपर के विज़न से प्रेरणा लेकर, हम भारत में बने सॉल्यूशंस को दुनिया भर के बाजारों में उपलब्ध कराने के संकल्प पर कायम हैं।”
ध्यान देने वाली बात ये है कि, देश की रक्षा करने वाली भारतीय सेनाएँ दस साल से भी ज़्यादा समय से कूपर के इंजन इस्तेमाल कर रही हैं। ऑपरेशन सिंदूर में इनकी अहम भूमिका थी, जहाँ इंजन की मज़बूत बनावट और बेहद चुनौती भरे हालातों में भरोसेमंद प्रदर्शन के लिए भारतीय सेनाओं ने उनकी तारीफ की।
कूपर कॉर्पोरेशन की विरासत सौ सालों से भी ज़्यादा समय से बेमिसाल इंजीनियरिंग और देश के विकास के लिए समर्पण की भावना के साथ गहराई से जुड़ी है, जिस कंपनी ने संजोकर रखा है। कंपनी का मुख्यालय सतारा में स्थित है, जिसकी स्थापना सर धनजीशाह बी. कूपर ने की थी, जो सतारा से महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री थे। इस क्षेत्र ने महाराष्ट्र को अब तक पाँच मुख्यमंत्री दिए हैं। यही गौरवशाली विरासत कूपर को इनोवेशन को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान के लिए लगातार प्रेरित करती रहती है।
तीन दशकों से ज़्यादा समय से कूपर के प्रोडक्ट्स ने अमेरिकी बाजार में,अपनी गहरी छाप छोड़ी है। लगातार कामयाबी की अपनी विरासत को आगे बढ़ाते हुए, कूपर ने इनोवेशन करने, भरोसेमंद बनने और सबसे उम्दा प्रदर्शन की अपनी बेहतरीन परंपरा को बनाए रखा है।
श्री फरोख एन. कूपर की दूर की सोच और उनके नेतृत्व ने ही इस शानदार सफ़र को आगे बढ़ाया है। उनकी अगुवाई में, जेनसेट मटेरियल सप्लायर्स, अधिकारियों, कामगारों तथा कर्मचारियों की कड़ी मेहनत के कारण ही कंपनी लगातार आगे बढ़ी और दुनियाभर में जानी गई।