धर्म-कर्म

परमात्मा में एकीकृत हो जाना ही रास है: ममगांई

परमात्मा में एकीकृत हो जाना ही रास है ममगांई

संहसपुर विधायक सहदेव पुण्डीर नेः कहा धर्म बचेगा देश बचेगा

देहरादून 06 मॅई। हर व्यक्ति का मन कही ना कही लगा रहता है क्योंकि ज़ब सोचने की क्षमता स्वयं निर्मित होने लगती है तो बुरा भला का अनुभव खुद होने लगता है, इसलिए दूसरे के विचार में लोग विचार करना छोड़ देते है और अपनी सोच क़ो ऊपर रखने का अक्सर प्रयास करने लगते।
गोपियों की तरह मन कन्हैया में लगा है तो भागे भागे आपके पास आकर रास करेंगें रास का मतलब परमात्मा में एकीकृत हो जानि ही रास है यह बात बिडास प्रेमनगर मे आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पांचवें दिन में प्रसिद्धकथावाचक आचार्य शिवप्रसादममगांई ने व्यक्त किए । उन्होने कहा कि दौलत तो दुआओ की होती हैं, न पानी से गलती हैं न आग से जलती हैं.इसे लोग अपनी समझ लेते है जबकि प्रेम अपने मन का बस में है उसे पराया समझ लेते है सोच तो है किसी क़ो कौन बदल सकता है, ईश्वर से मेरी एक ही प्रार्थना है,महंगी घड़ी सबको दे देना,लेकिन मुश्किल घड़ी किसी को न देना ए कोई मंत्र नहीं इंसान की इंसानियत है जिसके पास है वो समस्त है*
आज विशेष रूप से संहसपुर के विथायक सहदेव पुण्डीर ने अपनें उद्बोदन में कहा कि धर्म बचेगा तो देश वचेगा। अपनें बच्चों को धार्मिक बनाना है तो इस प्रकार धार्मिक आयोजनों का होना आवश्यक है।पहली रोटी गाय को देनी है लेकिन गोओं की दुर्दशा हो रही है पहले दूध पिया बाद में छोड़ दिया बड़ा पाप है। पहले पालो नहीं ती किसी गोशाला तक पहूंचाओ।
इस अवसर पर श्रीमती चमन देई,श्री कृष्णा तोमर, राहुल तोमर,अंजलि तोमर,उदय सिंह तोमर,कविता तोमर, परीक्षा तोमर, दिव्या तोमर, देवांश तोमर, सुल्तान सिंह तोमर, आनन्द सिंह तोमर,सुरेंद्र सिंह तोमर,बलवीर सिंह, प्रेमलता,सविता पुंडीर महिपाल पुण्डीर,आचार्य लक्ष्मी दत्त उनियाल,लालसिंह चौहान आदि उपस्थित थे।

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