जब जुम्मे की दुआओं में घुल गए होली के रंग, गढ़ी हसनपुर में बजी भाईचारे की बांसुरी

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चौसाना। ये शहर है अमन का, यहां की फिजा है निराली, यहां तो सब शांति-शांति है। यह पंक्तियां चौसाना क्षेत्र के गांव गढ़ी हसनपुर में उस समय सच होती दिखाई दीं, जब शुक्रवार को जुम्मे की नमाज और रंगोत्सव होली का पर्व सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ। प्रशासन की सतर्कता और लोगों की समझदारी ने नफरत को हराकर आपसी भाईचारे की मिसाल पेश की।

गढ़ी हसनपुर गांव में मुस्लिम समाज के मुजम्मिल, सलीम और मुस्तफा ने जुम्मे की नमाज अदा करने के बाद अपने हिंदू मित्र संदीप कुमार उर्फ टिल्लू, सचिन चौधरी, नितिन, संजीव, अशोक कुमार धीमान, रकम सिंह और शुभम कुमार के घर जाकर होली की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद दोनों समुदायों ने मिलकर फूलों की होली खेली और एक-दूसरे पर फूल बरसाकर प्रेम व सौहार्द का संदेश दिया। होली और जुम्मे की नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा। चौसाना में सेक्टर मजिस्ट्रेट उमेश कुमार की मौजूदगी में जुमे की नमाज अदा की गई। वहीं, झिंझाना थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार शर्मा और चौसाना चौकी प्रभारी ज्ञानेंद्र सिंह ने अपनी सक्रियता से क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखी।
खुफिया विभाग के तेजतर्रार ऑफिसर नवीन चौधरी ने भी अपनी भूमिका बखूबी निभाई और दोनों समुदायों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखी। प्रशासन की मुस्तैदी और ग्रामीणों की समझदारी के चलते कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, जिससे क्षेत्र में अमन-चैन कायम रहा। गढ़ी हसनपुर के लोगों ने साबित कर दिया कि त्योहारों की खुशियां मिलकर मनाने से बढ़ती हैं। यहां के निवासियों ने धर्म की दीवारें तोड़कर आपसी भाईचारे का पुल तैयार किया। दोनों समुदायों ने एकजुट होकर प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया और यह साबित किया कि त्योहार बांटने के लिए नहीं, बल्कि जोड़ने के लिए होते हैं। इस आयोजन ने पूरे क्षेत्र में एकता, प्रेम और सौहार्द की मिसाल पेश की, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बन गई।
रिर्पोट : चौसाना से शकील राणा के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।