उत्तराखण्ड

ऑनलाइन विवाह पंजीकरण व वसीयत के विरोध में अधिवक्ताओं का धरना नौवे दिन जारी

रूद्रपुर 28 फ़रवरी। वसीयत व विवाह पंजीकरण के कार्यों से अधिवक्तगण एवं दस्तावेज लेखकों को हटाये जाने तथा यू0सी0सी0 वैबसाईट पर पोर्टल बनाये जाने व पैपर लैस ऑनलाईन पंजीकरण के कार्यों से उन्हें वंचित न किये जाने की मांगों को लेकर नौवे दिन भी वकीलों व दस्तावेज लेखकों का धरना जारी रहा।
धरना स्थल पर वरिष्ठ अधिवक्ता गुरदीप सिंह ने कहा कि सरकार अधिवक्ताओं के विरूद्ध नये कानून व अधिनियम लाकर उन्हें उनके कार्यों से विरत करने का काम कर रही है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो अधिवक्ता वर्ग हमेशा दूसरों के हितों के लिए लड़ता है आज उसे सड़कों पर आकर अपने लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा यू0सी0सी0 लागू करने के पश्चात विवाह व इच्छा पत्र पंजीकरण के कार्यों से अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों की सहभागिता से उन्हें बाहर कर दिया गया है और अब पैपर लैस ऑनलाईन रजिस्ट्रीकरण के कार्य से भी सरकार द्वारा उन्हें बाहर किया जा सकता है, जिसे किसी भी दशा में बर्दाशत नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण उत्तराखण्ड के अधिवक्ता लगातार अपना कार्य बहिष्कार करके आन्दोलन कर रहे है और सरकार से मांग कर रहे है कि यू0सी0सी0 पोर्टल से सी0ए0सी0 सेन्टरों को हटकर उनका पोर्टल बनाया जाये और भविष्य में पैपर लैस पंजीकरण के कार्यों से उन्हे अलग न किया जाये लेकिन सरकार द्वारा अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। श्री सिंह ने पूरे राज्य के अधिवक्ताओं से अपील की है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तब तक वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। वहीं अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों को शामिल नहीं करती है तब तक आंन्दोलन जारी रहेगा।
धरना स्थल पर एडवाकेट, गुरदीप सिंह, मुनीश गिरी, अशोक चन्द्र, प्रमोद मित्तल, अशोक कुमार सागर, जसपाल सिंह, महिपाल सिंह, रोहन मिश्रा, दीपक कुमार, व दस्तावेज लेखक लक्ष्मी नारायण सक्सेना, चंचल धपोला, दिनेश कुमार, शेखर शर्मा, भगवान दास, पृथ्वी सिंह, अबरार अली, एडवोकेट गणेश चन्द्र, कपिल छाबड़ा, प्रवीण सिंह, सगीर अहमद, भुवन अवस्थी, सुनील बजाज, उदय राठौर, मो0 आजम, गौरव सक्सेना, मजहर रिजवी, सरस गुप्ता, कीर्ति बल्लभ पनेरू, राजेश विश्वास, रोहित राठौर, सहित तमाम अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक एवं स्टाम्प विक्रेता मौजूद रहे।

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