राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ: गुल्लास कॉलेज ऑफ मेडिसिन ने मित्रता और सहयोग का जश्न मनाते हुए इंडो-फिलीपींस कल्चरल एजुकेशन एक्सचेंज समिट का आयोजन किया

देहरादून 20 फरवरी । भारत और फिलिपींस के बीच राजनयिक संबंधों के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में, गुल्लास कॉलेज ऑफ मेडिसिन ने इंडो-फिलीपींस कल्चरल एजुकेशन एक्सचेंज समिट का आयोजन किया। “वैश्विक संबंधों को बढ़ावा देने वाली साझेदारी: सतत भविष्य के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, संस्कृति एवं पर्यटन का एकीकरण” की थीम पर आधारित इस सम्मेलन का आयोजन फिलीपींस के मंडाउ सिटी में बनिलाड में स्थित गॉव एम क्यूएनको एवेन्यू के जीसीएमआई ऑडिटोरियम में किया गया था।

यह शिखर सम्मेलन फिलीपींस और भारतीय दोनों समुदायों के लिए काफी मायने रखता है, जो 11 जुलाई, 1952 को दोनों देशों के बीच मैत्री संधि पर हस्ताक्षर के बाद से आपसी सहयोग के इतिहास का जश्न मनाता है। इस कार्यक्रम में फिलीपींस में भारत के माननीय राजदूत, महामहिम हर्ष कुमार जैन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य लोगों में ये भी शामिल थे:
फिलीपींस में भारत के माननीय राजदूत, महामहिम हर्ष कुमार जैन
फिलीपींस-के पूर्व राष्ट्रपति, महामहिम ग्लोरिया मैकापागल-अरोयो
नाइजीरिया दूतावास के प्रथम सचिव, महामहिम अब्दुल्ला दया सैदु
फिलीपींस में थाईलैंड के माननीय राजदूत, महामहिम रंगसंत श्रीमंगकोर्न
माननीय पूर्व अध्यक्ष, एलेनोर बी. अल्मोरो, अध्यक्ष, बोर्ड ऑफ मेडिसिन, प्रोफेशनल रेगुलेशन कमिशन (PRC)
दोनों देशों के बीच शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से आपसी संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से भारत-फिलीपींस सांस्कृतिक शिक्षा आदान-प्रदान शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण:
तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का अनावरण– यह तमिल भाषा के महान कवि एवं दार्शनिक के लिए सम्मान का प्रतीक है, जिन्हें लोगों के बीच नैतिक, राजनीतिक और आर्थिक विचारों को प्रेरित करने वाली अपनी साहित्यिक रचना, तिरुक्कुरल के लिए जाना जाता है।
गुल्लास कॉलेज ऑफ मेडिसिन इंक के संचालन के उपाध्यक्ष, एटॉर्नी जोसेफ बडुएल द्वारा उद्घाटन संबोधन।
सांस्कृतिक प्रदर्शन– इसमें सख्यम डांस अकादमी और लान्हिंग बटांगन डांस ट्रूप के प्रदर्शन शामिल हैं।
आयोजन के संबंध में गणमान्य लोगों के विचार: –
फिलीपींस में भारत के माननीय राजदूत, महामहिम हर्ष कुमार जैन ने कहा, “भारत और फिलीपींस के रिश्ते आपसी सम्मान, साझा मूल्यों और आगे बढ़ाने की एक-समान सोच पर आधारित है। हम दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, जिसमें इंडो-फिलीपींस कल्चरल एजुकेशन एक्सचेंज समिट जैसी पहल शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और संस्कृति में आपसी सहयोग को और गहरा बनाती है। गुल्लास मेडिकल कॉलेज में तिरुवल्लुवर की प्रतिमा के अनावरण से यह जाहिर होता है कि, दोनों देश ज्ञान और बुद्धिमत्ता का समान रूप से आदर करते हैं।”
गुल्लास कॉलेज ऑफ मेडिसिन के चीफ एग्जीक्यूटिव कन्सल्टेंट, डॉ. डेविड के पिल्लई ने भी इसका जिक्र करते हुए कहा, “फिलीपींस और भारत के बीच आपसी संबंधों के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाना सचमुच बड़े सौभाग्य की बात है। बीते कुछ सालों में संस्कृति, साहित्य और शिक्षा के बड़े पैमाने पर आदान-प्रदान के ज़रिये इस रिश्ते में और मजबूती आई है। फिलीपींस ने मेडिकल के क्षेत्र में विश्व स्तरीय शिक्षा चाहने वाले छात्रों के प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हाल ही में, यहाँ के सीनेट में पेश किए गए सुधारों के बाद किसी भी देश के छात्रों को फिलीपींस में चिकित्सक के तौर पर काम करने की अनुमति मिली है, जो खास तौर पर मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक भारतीय छात्रों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुझे पूरा यकीन है कि इससे भारत के होनहार छात्रों के लिए नए रास्ते खुलेंगे, शैक्षिक संबंध और मजबूत होंगे, साथ ही मेडिकल की पढ़ाई में उत्कृष्टता की राह आसान हो जाएगी।”
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए, ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर प्राइवेट लिमिटेड और किंग्स इंटरनेशनल लिमिटेड के सीईओ, श्री कैडविन पिल्लई ने कहा: “हम ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर और किंग्स इंटरनेशनल की ओर से फिलीपींस सरकार और उसके शिक्षा मंत्रालय का तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने भारत-फिलीपींस की 75 साल की दोस्ती के उपलक्ष्य में इतने भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया है। इस मौके पर तिरुवल्लुवर की प्रतिमा का अनावरण किया गया, जो साहित्य जगत की महान हस्ती के साथ-साथ तमिल विरासत और भारत के लोगों के प्रति सम्मान को दर्शाता है।
इसके अलावा, हम भारत के इच्छुक छात्रों को विश्व स्तरीय चिकित्सा शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए फिलीपींस की सराहना करते हैं। पिछले कुछ सालों में, दूसरे देशों की तुलना में मेडिकल की पढ़ाई के लिए फिलीपींस को चुनने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 25% की बढ़ोतरी हुई है, जो इस देश के उच्च शैक्षणिक मानकों और छात्रों के अनुकूल नीतियों की मिसाल है।”