शामली। जैन मुनि 108 सौरभ सागर महाराज ने कहा है कि जहां पर श्रद्धा है, वहीं पर भगवान है। उन्होंने कहा कि अपने परिवार को तो अपना समझते हो लेकिन भगवान को नहीं। अगर मन में श्रद्धाभाव नहीं है तो जीवन में कुछ नहीं है।
सोमवार को शहर के वीवी इंटर कालेज में पंचकल्याण महोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए जैन मुनि सौरभ सागर महाराज ने कहा कि अगर श्रद्धा भाव नहीं है तो जीवन में कुछ नहीं है। बाहर के पदार्थ से सुख नहीं मिलता। अंदर आत्मा से सुख मिलता है। उन्होंने कहा कि तीर्थंकर बनने की 16 कलाओं भावनाओं का कोर्स करना पड़ता है, हमें जाप आराधना करनी चाहिए। मुनिश्री ने कहा कि जहां पर श्रद्धा है, वहीं पर भगवान है। उन्होंने कहा कि अपने परिवार को तो अपना समझते हो लेकिन भगवान को नहीं। अगर मन में श्रद्धाभाव नहीं है तो जीवन में कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि आजकल भगवान के लिए समय नहीं है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि वे पंचकल्याण महोत्सव का आनंद उठाएं, पूजा आराधना में अपना ध्यान लगाएं, अपने बच्चों को भी कार्यक्रम में लाएं, इससे न केवल उनमें भक्ति की भावना जागृत होगी बल्कि आप लोगों का कल्याण भी होगा। पंच कल्याण महोत्सव में बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। पंच कल्याणक महोत्सव में भाग लेने के लिए देहरादून से भी दो बसों में सवार होकर सौरभ सागर सेवा समिति के अध्यक्ष सचिन जैन कैराना वाले की अगुवाई मे वरिष्ठ पत्रकार गोपाल सिंघल एवम अन्य श्रद्धालु वीवी इंटर कालेज में पधार रहे हैं।
रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।