उत्तराखण्ड

ओलों की मार से 50 फीसद गिरा सेब और आड़ू का उत्पादन

 

हल्द्वानी: बेमौसम बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से पर्वतीय क्षेत्र के काश्तकारों को मायूसी हाथ लगी है। उद्यान, कृषि व राजस्व विभाग के सामूहिक सर्वेक्षण में फलोत्पादन को 40 से 50 प्रतिशत तक क्षति होने की बात सामने आई है। ओलावृष्टि ने सब्जियों को भी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में ओलावृष्टि से हुई क्षति का असर काश्तकारों की आजीविका पर पड़ेगा।

पिछले साल मानसून की विदाई के बाद पोस्ट मानसून काल में बारिश में कमी देखी गई थी। सर्दियों में भी सामान्य से दो तिहाई तक कम बारिश हुई। कृषि सचिव ने अप्रैल पहले सप्ताह में कम बारिश की वजह से फलों, सब्जियों व रबी की फसल को हुए नुकसान का सामूहिक सर्वे करने के निर्देश दिए।

शुरुआती तौर पर नैनीताल जिले में सेब, आडू, खुमानी, पुलम को 50 प्रतिशत तक नुकसान होने की बात सामने आई है। सीधे तौर पर इसका असर उत्पादन पर पड़ेगा। इसकी वजह से फल उत्पादन पर आश्रित रहने वाले काश्तकारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है। सर्वे में रबी की फसल को नुकसान नहीं मिला।

नैनीताल जिले के रामगढ़, धारी, भीमताल व ओखलकांडा ब्लाॅक में सेब, आडू, खुमानी, पुलम आदि का बहुतायत से उत्पादन होता है। प्रदेश में उत्पादित होने वाले सेब, आडू में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केवल नैनीताल जिले की है। जिले में आठ हजार से अधिक काश्तकार फलोत्पादन से जुड़े हैं।

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