देहरादून 19 दिसंबर। डॉ० भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी, अपर निदेशक, पशुधन विकास के द्वारा विभाग में नवनियुक्त पशुचिकित्सा अधिकारियों के द्वितीय बैच का तीन दिवसीय प्रारंभिक एवं अभिमुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद, सहस्त्रधारा रोड़, देहरादून स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में दीप प्रज्जवलित कर प्रारम्भ किया गया।
उद्घाटन समारोह में डॉ० भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी, अपर निदेशक, डॉ० कैलाश उनियाल, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सा परिषद, डॉ० नारायण सिंह नेगी, अध्यक्ष, उत्तराखण्ड पशुचिकित्सक सेवा संघ, उत्तराखण्ड एवं डॉ० प्रलयंकर नाथ, रजिस्ट्रार, उत्तराखण्ड राज्य पशुचिकित्सा परिषद के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों का स्वागत किया गया।
डॉ० भूपेन्द्र सिंह जंगपांगी, अपर निदेशक ने प्रशिक्षणार्थियों को अपने कार्यक्षेत्र में पूर्ण निष्ठा एवं समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा के साथ पशुचिकित्सालय प्रशासन तथा प्रबंधन से जुड़ी प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला।
डॉ० अमित राय, उप निदेशक ने विभागीय संगठनात्मक ढांचा और विभागीय संरचना के सम्बन्ध में एवं डॉ० बृजेश रावत, वरिष्ठ पशुचिकित्साधिकारी ने ऑनलाईन रिपोर्टिंग, एम०आई०एस०, अपुणि सरकार पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्मस की कार्यप्रणाली, उपयोगिता और महत्व के बारे में जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम के दौरान डॉ० सतीश जोशी, संयुक्त निदेशक ने मासिक प्रगति रिपोर्ट के विषय मे जानकारी दी और उसकी उपयोगिता के महत्व को रेखांकित किया। डॉ० आर०एस० नेगी, मुख्य अधिशासी अधिकारी, यू०एल०डी०बी० ने पशुपालन विभाग की वर्तमान मे संचालित योजनाओं के उद्देश्यों और लाभार्थियों तक लाभ पहुंचाने के तरीको पर विस्तृत जानकारी दी। डॉ० इमरान अली, पशुचिकित्साधिकारी ने अपने व्याख्यान मे फील्ड में सीमित संसाधनों के बीच प्रभावी एनेस्थीसिया प्रबंधन के तरीके और सम्भावित जटिलताओं के समाधान पर विस्तार से जानकारी दी।
उक्त प्रशिक्षण में उत्तराखण्ड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड से डॉ० पूर्णिमा बनौला, डॉ० मनीष, तथा डा० दीक्षा रावत उपस्थित रहे, प्रशिक्षण मंच का संचालन कोर्स कॉर्डिनेटर डा० शिखाकृति नेगी द्वारा किया गया। द्वितीय बैच में मुख्यतः पिथौरागढ़, पौड़ी, उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग के नवनियुक्त पशु चिकित्साधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा हैं।
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