टीएचडीसी द्वारा आयोजित तीसरे टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 का हुआ सफल समापन
ऋषिकेश 13 दिसंबर। टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 का तीसरा संस्करण आज टिहरी-गढ़वाल स्थित टीएचडीसीआईएल के टिहरी बांध जलाशय में बड़े उत्साह और उत्सव के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस भव्य समापन समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। माननीय मुख्यमंत्री ने लगातार तीसरे वर्ष इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए टीएचडीसीआईएल की सराहना की।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने समापन समारोह के अवसर पर उपस्थित जन-समूह को संबोधित करते हुए टिहरी बांध परिसर के योगदान पर प्रकाश डाला, जो न केवल विद्युत उत्पादन का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि जल क्रीड़ा और पर्यटन के लिए भी एक प्रमुख केंद्र के रूप में भी उभर रहा है। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी ने जिस पेशेवर दृष्टिकोण से टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2024 का आयोजन किया है, उससे यह स्थान सफलता की नई ऊंचाइयों को छूएगा तथा पूरे देश और विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेगा।
उन्होंने कहा कि “यहां के एथलीटों द्वारा प्रदर्शित उत्साह और प्रतिभा वास्तव में प्रेरणादायक है। मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में ये खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों मंचों पर हमारे देश का नाम गौरवान्वित करेंगे।”
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर.के. विश्नोई ने उत्तराखंड के माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के प्रति टीएचडीसी को हर कदम पर दिए गए सतत सहयोग एवं मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया तथा इस अवसर पर उनकी गरिमामई उपस्थिति के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। राज्य में खेलों के विकास के लिए उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए माननीय मुख्यमंत्री के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त किया तथा इस बात पर बल दिया कि इस तरह का समर्थन टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप जैसे आयोजनों को शानदार सफलता दिलाने में सहायक रहा है। श्री विश्नोई ने सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को बधाई दी तथा चार दिवसीय इस कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए टीएचडीसीआईएल के टीम की सराहना की।
श्री विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड सदैव उत्तराखंड के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है तथा टिहरी वाटर स्पोर्ट्स जैसी पहल हमारी व्यावसायिकता और समर्पण का ज्वलंत उदाहरण है। निगम द्वारा कोटेश्वर में हाई परफ़ोर्मेंस अकादमी की स्थापना राज्य में पर्यटन और खेल के विकास का प्रमाण है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिभाओं को तैयार करती है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के अमूल्य सहयोग की भी सराहना की, जिसने इन पहलों को शानदार सफलता में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (तकनीकी) भूपेन्द्र गुप्ता ने टिहरी झील को जल क्रीड़ा के केन्द्र के रूप में स्थापित करने के टीएचडीसीआईएल के दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला । उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य टिहरी झील को विश्व स्तरीय जल खेलों का पर्याय बनाना है। यह चैंपियनशिप सिर्फ़ एक खेल का आयोजन नहीं है, बल्कि एथलीटों के लिए अवसर पैदा करने, पर्यटन को बढ़ावा देने और स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। टीएचडीसीआईएल को टिहरी क्षेत्र को वैश्विक खेल मंच प्रदान करने में उत्प्रेरक बनने पर गर्व है।”
चार दिवसीय चैंपियनशिप के दौरान, देश भर के 22 राज्यों और सेवा संस्थानों की टीमों के 500 से अधिक एथलीटों, प्रशिक्षकों और टीम प्रबंधकों ने 44 कयाकिंग और कैनोइंग स्पर्धाओं में 126 रेस में भाग लिया। इस प्रतियोगिता ने एथलीटों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने तथा खेल भावना और एथलेटिक उत्कृष्टता को आगे बढ़ाने के लिए एक सुदृढ़ मंच प्रदान किया।
इस कार्यक्रम में श्री शक्तिलाल शाह, माननीय विधायक (घनसाली), श्री किशोर उपाध्याय, माननीय विधायक (टिहरी), श्री राजेश नौटियाल, भाजपा जिलाध्यक्ष, टिहरी गढ़वाल, श्रीमती सोना सजवाण, जिला पंचायत प्रशासक, टिहरी गढ़वाल, श्री आदित्य कोठारी, प्रदेश महामंत्री, उत्तराखंड भाजपा, श्री संजय नेगी, चेयरपर्सन, उत्तराखंड स्टेट कमीशन फॉर ओबीसी, श्री प्रशांत कुशवाहा, अध्यक्ष, आईकेसीए, डॉ. डी. के. सिंह, महासचिव, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन, श्री एल.पी. जोशी, कार्यपालक निदेशक, (टिहरी कॉम्प्लेक्स), टीएचडीसी और डॉ अमर नाथ त्रिपाठी, महाप्रबंधक (मा.सं. एवं प्रशा.) टीएचडीसी उपस्थित रहे।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड,एक अग्रणी अनुसूची-ए, मिनी रत्न पीएसयू है, जिसका कुल पोर्टफोलियो 1,587 मेगावाट है, जो जल, पवन, सौर और ताप विद्युत जैसे विद्युत उत्पादन के विविध क्षेत्रों में विस्तारित है। कंपनी दो ऐतिहासिक परियोजनाओं को कमीशन करने के लिए तैयार है: जिसमें1,000 मेगावाट टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट, जो भारत में अपनी तरह का पहला पंप स्टोरेज प्लांट है, और बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में 1,320 मेगावाट खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्लांट, जो देश के ऊर्जा परिदृश्य में एक अग्रणी के रूप में इसकी स्थिति को और मजबूत करेगा।