देहरादून 6 दिसंबर। भाजपा प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री दुष्यंत गौतम ने विपक्ष पर निशाना साधा है कि जो संसद चलनी चाहिए उसे ये चलने नहीं देते और जहां शांति व्यवस्था के लिए जाना नहीं है वहां जाने की दौड़ लगा रहे हैं। उन्होंने कहा, ये दौड़ नहीं बल्कि होड़ हैं संभल में अपने पत्थरबाज वोटरों को अपने अपने पक्ष में संभालने की। पत्रकारों पर हुए हमले को लेकर भी कहा, संवैधानिक संस्थाएं, न्यायपालिका, पत्रकारिकता और जनता पर हमला करना इनकी रणनीति का हिस्सा है।
पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों पर हमले को लेकर पूछे सवालों का जवाब देते हुए श्री गौतम ने कहा, विपक्ष देश समाज को जातिवाद और तुष्टिकरण करके खंडित करना चाहती है। इस टुकड़े टुकड़े गैंग की सरगना कांग्रेस लगातार ऐसे कारनामों को अंजाम देती आ रही है। इसके लिए चाहे मीडिया हो, संविधान हो, न्यायपालिका कार्यपालिका और चाहे संवैधानिक संस्था या जनता, कांग्रेस पार्टी सबका अपमान लगातार करती रहती है। यह सब इनके विचारों और संस्कारों का हिस्सा है। ऐसे में समय-समय पर तमाम संस्थाएं इनको जवाब देती रहती है। यही वजह है कि इससे विचलित होने के बाद उनकी टुकड़े टुकड़े सोच ऐसी घटनाओं में सामने आती हैं।
संभल नहीं जाने देने को लेकर उन्होंने पूछा, वे वहां किस से मिलेंगे, क्योंकि इससे पूर्व वे मणिपुर भी गए थे और वहां आग लगा कर आए। वे किसी से मिलने जा रहे हैं तो उन पत्थरबाजों से जिन्होंने वहां का अमन चैन खराब करने का काम किया है। अब जब वहां सब कुछ ठीक होने जा रहा है तो कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष को हजम नहीं हो रहा है। हैरानी की बात हैं कि कांग्रेस संसद नहीं चलने दे रही है, जिसका चलना बेहद जरूरी है। 10 साल से कोई भी संसद सत्र, जिसमें लोगों की मेहनत की कमाई लगती है उसको यह कामयाब नहीं होने दे रहे हैं। आज देश के सामने अनेकों चुनौतियां हैं उन सब का मुकाबला करना है। उस सब को लेकर कोई सुझाव है तो सामने लाना चाहिए । लेकिन विपक्ष कभी सामने नही आएगा क्योंकि उन्हें राजनीति करनी है। संभल को लेकर विपक्ष के बीच मुस्लिम वोट बैंक को लेकर रस्साकसी चल रही है। सभी जानते हैं कि वहां 10 दिसंबर के बाद की भी वहां जा सकता है लेकिन वोट बैंक खिसक न जाए इसके लिए सभी में होड लगी है। इन्हें न संविधान की चिंता है, न संसद की चिंता है और न ही जनता की चिंता है। इन्हें चिंता सिर्फ और सिर्फ अपने अल्पसंख्यक वोट बैंक की है। इनके मणिपुर जाने के रास्ते में बंगाल नहीं पड़ता, यूपी में बहराइच नहीं पड़ता है, देश में कर्नाटक, केरल, राजस्थान नहीं पड़ता है। इनके लिए समाज में शांति और सद्भाव चाहे न रहे लेकिन पत्थरबाजों को कोई तकलीफ नहीं होनी चाहिए।