देहरादून 02 नवंबर। श्री चैतन्य गोड़ीय मठ में गोवर्धन पूजा महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर जय गिरिराज के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
डीएल रोड स्थित मठ में महाराजश्री ने गोवर्धन पर्व की महत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा भगवान श्री कृष्ण सब सबके मूल हैं।
सभी जीव, देवी देवता उनकी शक्ति के अंश हैं। क्योंकि शक्ति शक्तिमान के अधीन रहती है, शक्तिमान की सेवा करती है इसलिए तमाम जीवों का धर्म है परब्रह्म भगवान श्री कृष्ण की सेवा करना।
उन्होंने कहा गोवर्धन पूजा का तात्पर्य भी यही है। कृष्ण तथा कृष्ण भक्तों की सेवा कर प्रसन्न कर अपने पर मंगल का मार्ग प्रशस्त करना।
इस दिन सब्जियों का और अन्न का पहाड़ बनाकर ठाकुर जी को निवेदित किया जाता है इसलिए इसको अन्नकूट महोत्सव भी कहते हैं।
ठाकुर जी के स्वरूप को अन्न का पहाड़ सहित छप्पन भोग (56 व्यंजनों का भोग ) लगाया गया। इसके अतिरिक्त विशाल सत्संग का आयोजन किया गया, जिसमें मठ के संतों ने अपने संकीर्तन एवं हरि कथा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। चारों तरफ जय गिरिराज जय गिरिराज एवं हरे कृष्ण महामंत्र की ध्वनि गूंज मन हो रही थी। इस अवसर पर भक्ति विलास दंडी महाराज, भक्ति प्रसन्न त्यागी महाराज, मुनि महाराज दुर्गा प्रभु अशोक प्रभु मृदुल प्रभु उमा नरेश तिवारी एवं भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।