रेत से भरे डंपर ने 24 घंटे में दो लोगो को कुचला, एक की मौत दस वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल, अस्पताल में कराया गया भर्ती, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा, परिवार में मचा कोहराम , रेत से भरे ओवरलोड डंपरों पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रहा जिला प्रशासन

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थानाभवन, शामली। रेत से भरे ओवरलोड डंपर ने 24 घंटे के भीतर ही दो लोगों को कुचल दिया जिसमें से एक युवक की मौत हो गई जबकि एक करीब 10 वर्षीय बालक गंभीर रूप से घायल हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर घायल बालक को आनन-फानन में चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनी है। वहीं हादसों का सबब बने ओवरलोड डंपरों पर जिला प्रशासन लगाम लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है।

जानकारी के अनुसार जिले में रेत से भरे ओवरलोड वाहन धडल्ले से सड़कों पर दौड़ रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन इन पर लगाम लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। ये डंपर लोगों की जान तक ले रहे हैं। ऐसा ही एक नजारा गुरुवार की देर शाम थानाभवन क्षेत्र में देखने को मिला जहां रेत से भरे एक ओवरलोड डंपर ने हींड पुलिया के निकट एक बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी जिससे युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना के बाद आरोपित चालक डंपर को मौके पर ही छोड़कर फरार हो गया। लोगों से युवक को उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान युवक ने दम तोड दिया। मृतक की पहचान प्रवीण पुत्र रामबीर निवासी गांव हरड फतेहपुर के रूप में हुई। प्रवीण हरियाणा के पानीपत में एक पेपर फैक्टरी में काम करता था। अहोई अष्टमी के पर्व पर उसकी दुर्घटना में मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। प्रवीण की शादी 8 साल पूर्व हुई थी जिसके एक पांच वर्षीय बेटा भी है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भिजवा दिया है, वहीं डंपर को भी अपने कब्जे में ले लिया। वहीं इस घटना को अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि कस्बा स्थित मंडी के सामने ही रेत के डंपर ने 10 वर्षीय बालक को कुचल दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया, काफी समय तक बालक सडक पर ही तड़पता रहा। बाद में पुलिस व स्थानीय लोगों ने बालक को उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया जहां उसकी हालत गंभीर बनी है।

डंपरों पर नहीं होती नंबर प्लेट

शामली। बताया जाता है कि रेत से भरे डंपर पर पीछे की ओर कोई नंबर प्लेट नहीं मिली। लोगों का कहना है कि या तो रेत के डंपरों पर नंबर प्लेट नहीं होती और अगर होती है तो उसे कालिख या कीचड़ से पोत दिया जाता है ताकि ऐसे वाहनों की आसानी से पहचान न हो पाए। वहीं डंपर से कुचलने से एक युवक की मौत व एक बालक गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी परिवहन विभाग या खनन विभाग द्वारा ऐसे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिला प्रशासन ऐसे वाहनों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहा है और ऐसे वाहन हादसों का सबब बने हैं। रेत के ये ओवर लोडिंग वाहन मौत बनकर जनपद की सड़कों पर बेखौफ होकर दौड़ते नजर आते हैं। पुलिस भी देख कर अनदेखी कर रही है। अब सवाल ये उठता है कि रात दिन हो रहें अवैध खनन माफियाओं पर रोक कब लगेगी ? कैराना, बिडौली में बड़ी – बड़ी मशीनों से यमुना के सीने को छलनी किया जा रहा है। इनकी निरंकुशता पर संबंधित विभाग रोक लगाने में विफल हो रहें हैं यदा कदा छोटी मोटी कार्यवाही करके अपने दायित्व की इतिश्री कर लेते हैं। क्या इन तथाकथित पट्टेदारों पर नियम विरुद्ध खनन करने पर कार्यवाही होगी ? क्या इनके अवैध वाहनों पर जो बिना नम्बरों के जिलेभर में काल बनकर दौड़ रहे हैं कोई बड़ी कार्यवाही होगी ?

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।