बिडोली-चौसाना मार्ग पर स्वच्छता अभियान की चुनौती: कचरे के अंबार और जागरूकता की कमी

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चौसाना। बिडोली की और से चौसाना में घुसते ही बड़े-बड़े कूड़ेदान देखे जा सकते हैं, लेकिन इन कूड़ेदानों के बाहर कचरे के अंबार लगे हुए हैं। यह दृश्य स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि स्वच्छता अभियान को लेकर गंभीरता की कमी है। लोगों ने कूड़ेदान के बाहर ही कचरा फेंकने की आदत बना ली है, जिससे सड़क किनारे गंदगी और बदबू फैल रही है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि कूड़ेदान के पास कचरे का ढेर लगना केवल स्वच्छता के लिए नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी खतरा है। इस स्थिति से मच्छरों और अन्य कीड़ों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। कूड़ेदानों के पास कचरे के अंबार यह सवाल उठाते हैं कि क्या प्रशासन ने वास्तव में स्वच्छता को प्राथमिकता दी है ? लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद कचरा प्रबंधन की यह स्थिति निराशाजनक है। यह साफ है कि न तो कूड़ेदान की नियमित सफाई हो रही है, न ही लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को कूड़ेदान का सही उपयोग करने के लिए जागरूक करना बेहद जरूरी है। इसके लिए ग्राम पंचायत और सामाजिक संगठनों को मिलकर स्वच्छता अभियान चलाना चाहिए। कूड़ेदानों की नियमित सफाई सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि कचरा जमा न हो सके। कूड़ेदान के बाहर कचरा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि लोग नियमों का पालन करें।यदि हम सभी मिलकर इस दिशा में कदम उठाएं, तो न केवल हमारे गाँव की स्वच्छता में सुधार होगा, बल्कि एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण भी प्राप्त होगा। “मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी” के नारे को समझना और अपनाना सभी की प्राथमिकता होनी चाहिए।

रिर्पोट : चौसाना से अभिमन्यु चौहान के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।