सूर्पनखा नाक विच्छेद, मारीच वध , *सीता को पुष्पक विमान में उठाकर ले गया रावण* मंचन

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कैराना। सर्व विदित है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गौशाला भवन कैराना में श्री रामलीला महोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है जिसमे रामलीला महोत्सव के दसवें दिन की लीला का शुभारंभ प्रिया मोबाईल के मालिक और समाज सेवी दीपक बंसल के द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया। रामलीला मंचन में सूर्पनखा नासिका भंग, खरदूषण वध और सीता हरण की लीला का भावपूर्ण मंचन किया गया। सीता हरण के दौरान रावण के अट्ठास से पूरा वातावरण गूंज उठा। दर्शक दृश्य देखकर बेहद रोमांचित हो उठे। प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि राम लक्ष्मण सीता जी वन गमन करते हुए पंचवटी नामक स्थान पर पहुंच जाते है और उस सुन्दर स्थान पर रहने लगते है l एक दिन रावण की बहन सूर्पनखा के आकाश की ओर से जाते समय नजर श्रीराम व लक्ष्मण पर पड़ी। वह उन्हें देखकर मोहित हो गई और सुन्दर स्त्री का रूप धारण कर उनके समक्ष जाकर विवाह का प्रस्ताव रखती है। श्रीराम ने मना करते हुए कहा कि वह विवाहित हैं। आजीवन दूसरा विवाह न कर सकने के लिए प्रतिज्ञाबद्ध हैं। उसके बाद लक्ष्मण जी के सामने सुर्पनखा अपनी बात रखती थी। उनके इंकार करने पर गुस्से से लाल हुई सूर्पनखा सीता जी पर प्रहार करने को और डराने को बढ़ती है, तभी क्रोधित लक्ष्मण जी ने सूर्पनखा की नाक काट ली। सूर्पनखा रोते हुए खर और दुखन के पास जाती है और सारा वृत्तांत बताती है तब खर और दुषन युद्ध के लिए पंचवटी जाते है और युद्ध करते हैं तब रामचन्द्र जी उनका वध करते हैं उसके बाद वह रावण के दरबार में जाकर सारा वृत्तांत बताती है तो रावण की सेना रावण से उनके वध की अनुमति मांगते हैं परंतु रावण उन्हें मना कर देता है और सोचता है कि खर दुखन को मारने वाले नारायण के अवतार के सिवाय कोई नहीं हो सकता है इसलिए ऋषि के श्राप के अनुसार उनसे बेर करेगे और अपने इस तामसी शरीर का और कूल का उद्धार कराएंगे और इसका उपाय सोचता है और मारीच के सहयोग से पंचवटी में मारीच को कपटी हिरण बनाकर भेज देते हैं राम जी सीता जी की इच्छा के अनुसार उसे पकड़ने जाते है उधर मारीच राम जी की नकली आवाज़ निकलकर लक्षमण से स्वयं को बचाने की पुकार करते हैं जिस पर सीता जी लक्षमण को राम को बचाने हेतु भेज देती है। रामलीला मंचन में दिखाया गया कि साधु का रुप धरकर रावण भिक्षा मांगने आता है। सीता जी भिक्षा देने लक्ष्मण रेखा पार कर जाती हैं, तभी रावण सीता जी का हरण कर ले जाता है। सीता जी को बचाने के लिए जटायु रावण से युद्ध करता है परन्तु रावण उसे घायल कर देता है। वहीं राम लक्ष्मण सीता जी को ढूंढने निकल पड़ते हैं रास्ते में उन्हे घायल जटायु मिलता है और रावण द्वारा सीता जी का हरण कर ले जानी की सारी वृतांत बताते हैं और प्राण त्याग देते हैं। उसके उपरांत राम लक्ष्मण जटायु का अंतिम संस्कार करते हैं lराम का अभिनय रोहित कुमार लक्ष्मण का शिवम गोयल सीता जी का सागर मित्तल रावण का शगुन मित्तल एडवोकेट मारीच का अनमोल शर्मा सुर्पनाखा का पुनीत गोयल, मेघनाथ का तुषार वर्मा, जटायु का जतिन, खर दुखन का सोनू कश्यप और रोहित नामदेव ने किया l स्टेज पर सुंदर पंचवटी की झांकी डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के नेतृत्व में लगाई गई वहीं भारी संख्या में श्रद्धालु गण और पुलिस बल मौजूद रहे l
इस दौरान मुख्य रूप से अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप , सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, अनिल कुमार कुंगरवाल, एडवोकेट शगुन मित्तल, डॉक्टर सुशील कुमार, सुनील कुमार टिल्लू ,विक्की, पुनीत कुमार गोयल, राजेश नामदेव, सतीश, राकेश प्रजापति, शिवम गोयल, अभिषेक गोयल, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, मनोज मित्तल सोनू नेता, ऋषि पाल शेरवाल, विपुल कुमार जैन, पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, जयपाल सिंह, आशु गर्ग, सागर मित्तल, सुनील कुमार टिल्लू, सूरज वर्मा , अंकित जिंदल, सनी, डिंपल अग्रवाल , अमित सिंगल, मास्टर अमित सेन, रोहित नामदेव, राजेश सिंघल कालू , अनमोल शर्मा, अमन गोयल, तुषार वर्मा, पंडित मोहित जी, विपुल कुमार जैन , अभिषेक भारद्वाज, निक्की शर्मा व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।