*सिया के हुए राम* , *लक्ष्मण परशुराम संवाद की लीला का मंचन*

0
76

कैराना। सर्वविदित है कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कैराना के गौशाला भवन में श्री रामलीला महोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ बनाया जा रहा है। जिसमें श्री रामलीला महोत्सव के छठे दिन की लीला का शुभारंभ रामलीला कमेटी के संरक्षक और समाजसेवी राकेश वर्मा के द्वारा किया गया l प्रथम दृश्य में दिखाया गया कि राजा जनक अपनी दिव्य पुत्री का विवाह संस्कार करने के लिए स्वयंवर का प्रण लेते हैं जिसकी मुनादी कराई जाती है कि जो भी शंभू चाप पर चिल्ला (डोर) चढ़ाएगा वही सीता का पति होगा l सीता स्वयंवर में दूर-दूर के बड़े-बड़े योद्धा राजा महाराजा आते हैं परंतु किसी से शिव धनुष पर चाप नहीं चढ़ाई जाती है l वही लंका का राजा रावण भी शिव धनुष तोड़कर सीता से विवाह करने के लिए स्वयंवर में पहुंचता है जहां पर रावण और बाणासुर का संवाद होता है परंतु रावण शिव धनुष तोड़ना चाहता है तभी आकाशवाणी होती है कि तेरी बहन को मयदानव उठा कर ले जा रहा है जिस पर रावण धनुष तोड़ने की जगह अपनी बहन की रक्षा के लिए स्वयंवर से वापस चला जाता है। जब किसी से धनुष नहीं तोड़ा जाता तो राजा जनक बेहद दुखी होते हैं और क्रोधित होकर सभी को अपने घर जाने को कहते हैं जिस पर लक्ष्मण जी उन्हें खरी खोटी सुना देते हैं और कहते हैं कि जहां पर सूर्यवंश के दोनों धनुषधारी मौजूद है वहां आप किसी का ऐसे अपमान नहीं कर सकते और विश्वामित्र जी रामचंद्र जी को आदेश देते हैं कि आप शंभू चाप पर चिल्ला चढ़ा दीजिए। वही सीता जी जब किसी से धनुष नहीं टूट पता तो बेहद परेशान होती है और दुर्गा माता से प्रार्थना करती है कि माता मुझे वर रुप में श्री राम दे दीजिए। रामचंद्र जी शंभू चाप तोड़ देते हैं तो राम जी और सीता जी का विवाह होता है। धनुष भंग की भयंकर ध्वनि सुन भगवान परशुराम जान जाते हैं कि शंभू धनुष भंग हो गया है। और क्रोधित भगवान परशुराम स्वयंवर में पहुंच जाते हैं और शंभू चाप तोड़ने वाले अपने दुश्मन के बारे में जनक से पूछते हैं तो जनक उन्हें सारा वृतांत बताते हैं जिस पर लक्ष्मण जी परशुराम जी का बहुत मजाक बनाते हैं और क्रोधित भगवान परशुराम जी अपना फरसा राम लक्ष्मण पर चलना चाहते हैं लेकिन उनका फरसा नहीं चल पाता है। जिस पर वह समझ जाते हैं कि राम जी कोई साधारण मानव नहीं बल्कि नारायण का अवतार है और प्रभु श्री राम को भगवान विष्णु का धनुष सौंप कर व विजय का आर्शीवाद देते हुए प्रस्थान कर जाते हैं l राम का अभिनय रोहित कुमार, लक्ष्मण का अभिनय शिवम गोयल, सीता जी का सागर मित्तल, विश्वामित्र का आशु गर्ग, रावण का शगुन मित्तल एडवोकेट, जनक का अमन गोयल, बाणासुर का डॉक्टर सुशील कुमार, मुनादी का पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, राजाओं का राकेश वर्मा, अमित सिंगल, डिंपल अग्रवाल ,सुरज वर्मा, पुनीत गोयल, विराट, सोनू कश्यप, शुभ गर्ग, सखियों का शिव शर्मा, जतिन ने किया l स्वयंवर की सुंदर झांकी सीनरी डायरेक्ट सुनील टिल्लू ने लगाई l इस दौरान मुख्य रूप से अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप , सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, एडवोकेट शगुन मित्तल, डॉक्टर सुशील कुमार, विक्की,अभिषेक गोयल, संगीत गर्ग, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, मनोज मित्तल सोनू नेता, ऋषि पाल खेरवाल, अंकित जिंदल, सनी, मास्टर अमित सेन, प्रमोद गोयल,  पंडित मोहित जी, विपुल कुमार जैन, अभिषेक भारद्वाज व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।

रिर्पोट : सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।