कथा विरोधियों को भी अनुकूल बनाती है:स्वामी परमिंदर पुरी जी महाराज

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देहरादून 19 सितंबर । श्रीमद् भागवत पुराण की कथा के तृतीय दिन कथा व्यास स्वामी परमिंदर जी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत की कथा परिवार में दुख व कलह दूर करने के साथ साथ आपसी कटुता मिटाकर आपस में प्यार बढ़ती है व जोड़ने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि श्रीमद् भगवत के दिव्य श्लोक ही थे जिसे सुनकर शुकदेव जी व पिता वेदव्यास जी का मिलन हो पाया।
व्यास जी ने बताया कि चक्रवर्ती राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से कथा सुनी तो मृत्यु के भय से शोक मुक्त होकर गोलोक की प्राप्ति की। महाभारत की संपूर्ण कथा आज सुनाई जिसमे पांडव कौरव का युद्ध, कृष्ण की गीता संदेश व दुर्योधन का अंत का प्रसंग सुनाए । भीष्म पितामह व कृष्ण का भक्ति प्रकरण के साथ ही भीष्म का भगवान से आग्रह कि *इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले* के भजन पर सभी भक्तगण भाव विभोर हो गए ।
व्यास जी ने अपने प्रवचन में कहा कि सद्‌मार्ग पर चलने से मनुष्य का तेज बढ़ता है। दान की महिमा का उल्लेख करते हुये उन्हेंने कहा कि कलिकाल में दान का बहुत महत्व है ।
*श्री अखिल भारतीय अखाड़ा पारिषद के अध्यक्ष श्री श्री 108 महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में श्रीमद भागवत कथा (पितरों के मोक्ष निमित्त) का आयोजन श्री अभय मठ शक्ति पीठ लक्ष्मण चौक देहरादून में किया गया है ।
महिलाओं भक्तों ने सुमधुर व संगीतमय भजनो पर भावविभोर होकर तालियों व नृत्य कर भरपूर आनंद‌ लिया।
इस अवसर विनय गोयल,गोपाल सिंघल, आभा गोयल,प्रशांत शर्मा,समस्त महिला मंडल सहित सैकड़ों भक्त जन उपस्थित थे। आज का प्रसाद भोग मित्तल परिवार तरफ से किया गया और समिति की तरफ से उनका आभार प्रकट किया गया। अरुण गोयल गोयल स्वीट्स शरद गोयल,प्रशांत, शिवम समस्त महिला मंडल,गिरधर शर्मा, राकेश मित्तल अजय मित्तल परिवार,शशि शर्मा,रीना मेंहन्दीरत्ता,अनु,रेखा बंसल आदि भक्त गण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कल श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर कथा आगे बढ़ेगी ।