शामली,झिंझाना। लोक निर्माण विभाग की कार गुजारी से तंग होकर जन उत्थान समिति के बैनर तले शुक्रवार 12वें दिन भी लोगों को धरने पर डटे रहना पड़ा । धरना स्थल पर शुक्रवार तीसरे दिन भी पांच लोगों द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल रखी गई। कुंभ करणी नींद से जगे लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता राजकुमार सिंह और सहायक अधीक्षण अभियंता रमेश ने अपनी टीम के साथ शुक्रवार दोपहर बाद धरने पर पहुंचे। धरना रत लोगों से बात कर समझाने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों ने ठोस आश्वासन के बगैर धरना खत्म करने की कही।
गौरतलब हो कि कैराना से थाना भवन तक के मार्ग का लगभग तीन साल पहले चौड़ी करण कर निर्माण करने का कार्य स्वीकृत हुआ था। जो पीडब्ल्यूडी के सानिध्य में होना था। जिसमें कैराना बाई पास से लेकर जमालपुर , गाड़ी वाला चौक के निकट तक लगभग 12 किलोमीटर के मार्ग का चौड़ी करण कर निर्माण लगभग ढाई वर्ष पूर्व पूरा कर दिया गया था। बाकी का निर्माण कार्य किसी दूसरे ठेकेदार के माध्यम से कराया जाना था। जो अब तक अधूरा पड़ा है। हद की बात तो यह है कि ठेकेदार द्वारा कुछ जगह सड़क किनारों को खोदकर अधूरा भी छोड़ दिया गया है। मीडिया में भी लगातार यह सड़क सुर्खियों में रही है। सड़क दुर्घटना में अभी तक कई लोगों की जान तक जा चुकी है। झिंझाना से ऊन होकर थानाभवन तक जाने वाले इस मार्ग की लंबाई लगभग 30 किलोमीटर की है। जिसमें से कुछ हिस्से पर ठेकेदार द्वारा कछुआ चाल से निर्माण कार्य कराया गया है। झिंझाना में डेयरी चौक से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक का मुख्य मार्ग जीर्ण क्षीर्ण अवस्था में है। जहां खुस्क मौसम में लोग धूल फांक कर बीमार तक हो रहे हैं। और बरसात में कीचड़ भरे पानी की छीटों से तंग है। सहायक अधीक्षक अभियंता रमेश ने बताया कि ठेकेदार को 30 अक्टूबर तक अपना कार्य पूर्ण करने की तारीख दी गई है। बरसात का मौसम चल रहा है। ऐसे में काली रोड़ी डाले जाने का कार्य संभव नहीं हो पाता है। धरने पर बैठे पूर्व प्रधानाचार्य एवं पत्रकार बृजेश कुमार वशिष्ठ ने बताया कि सामाजिक समस्या के नाते धरने को सभी लोगो का समर्थन मिल रहा हैं। जिले के अधिकारियों का यही ढुलमुल रवैया रहा तो यह आंदोलन , धरना लंबे समय तक चलेगा। तहसील कैंपस में ऊन में जारी इस धरने पर शुक्रवार को भास्कर चौधरी , नीरज कुमार , सुखपाल भार्गव आदि अनेक समाजसेवी मौजूद रहे। अफसोस की बात है कि तहसील कैंपस में जारी इस धरने में शुक्रवार 12 वें दिन ही एसडीम ऊन ने भी पहुंचकर खैर खबर ली।
रिर्पोट : झिंझाना से प्रेम चंद वर्मा के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।