झिंझाना। शनिवार दोपहर वक्त रिमझिम बूंदाबांदी से हुई शुरुआत के बाद इंद्रदेव ने जमकर बरसात की। जिससे गली मोहल्ले की नालियों में भरकर पानी बहा और मुख्य बाजार में स्थित देवी मंदिर के सामने बरसात के पानी से बाजार में नदी जैसा नजारा बन गया। अनेक दुकानदार अपनी दुकान में पानी न घुस जाए, इसके लिए मशक्कत करते देखे गए। लगभग आधा घंटे की जमकर हुई बरसात के बाद स्कूलों की भी छुट्टियां हो गई। तो बच्चों को भी बाजार में पानी से होकर निकलना पड़ा। मौसम खुश गवार हो गया था। जब कि थोड़ी देर बाद ही तेज चमक के साथ सूर्य देवता प्रकट हो गए। ऐसा लग रहा था मानो बरसात ही नहीं हुई हो। दिन भर धूप छांव का खेल चलता रहा। मौसम सुहावना बना रहा। हां इस बरसात से मौसम के बदलने का एहसास लोगों को होने लगा है। व्यापारी अमित शर्मा के अनुसार तेज बरसात से कुछ दुकानों में भी पानी अंदर घुस गया था। व्यापारी नवीन गर्ग नीटू गर्ग , हितकर मित्तल , अमित कुमार शर्मा आदि को दुकान में पानी भरने से रोकने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि बरसात से किसी के भी कोई नुकसान की जानकारी नहीं लग सकी है।
उधर कस्बे के मुख्य मार्ग पर डेयरी चौक से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक जीर्ण क्षीर्ण मार्ग पर बरसात के बाद आवागमन कष्ट दायक हो गया। लोग बरसात की छीटों से बचते हुए नजर आए। वर्षों की इस पीड़ा से लोक निर्माण विभाग और जिले के तमाम अधिकारी जान बूझकर अनजान बने हुए हैं। मतलब विभागीय स्तर पर इस जर्जर मार्ग पर रोड़ा डालकर खाना पूर्ति की जाती रही है। लगभग 3 वर्षों से यहां तार कोल मिक्स रोड़ी डालकर इसे पक्का नहीं किया जा सका है। लोग खुस्की में धूल फांकते है तो बरसात में गंदे छीटों को झेलते आ रहे हैं।
रिर्पोट : झिंझाना से प्रेम चंद वर्मा के साथ सिद्धार्थ भारद्वाज प्रभारी दिल्ली एनसीआर।