उत्तराखंड में चोरी, डकैती ,हत्या, बलात्कार से कानून व्यवस्था धराशाई : रविंद्र सिंह आनंद

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*नैतिकता की जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री धामी तुरंत दे इस्तीफा:रविंद्र*

*राजनीतिक दृष्टिकोण से वर्तमान मुख्यमंत्री व कैबिनेट अपरिपक्व: आनंद*

देहरादून 4 सितंबर । वरिष्ठ समाजसेवी व मंडी समिति के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र सिंह आनंद ने प्रदेश में व्याप्त चोरी,डकैती,लूट ,हत्या और बलात्कार पर सरकार को घेरते हुए कानून व्यवस्था को धराशाही बताया है।
देहरादून के प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए रविंद्र आनंद ने कहा कि पिछले कुछ समय में चोरी,डकैती,लूट, हत्या और बलात्कार प्रदेश में एक आम बात हो गई है उन्होंने कहा जिस प्रकार आए दिन प्रदेश में अपराधिक मामले सामने आ रहे हैं और पुलिस प्रशासन उसमें बेबस दिखाई दे रहा है उससे उत्तराखंड में अराजकता जैसा माहौल फैल रहा है जिसके लिए पूर्णतः सुबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जिम्मेवार है क्योंकि वे राजनीतिक तौर से अभी अपरिपक्व है ।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की राजनीति के 24 साल के इतिहास में अब तक इतने कमजोर मुख्यमंत्री और मंत्री गण देखने को नहीं मिले हैं इससे यह साबित होता है कि वर्तमान मुख्यमंत्री और मंत्रीगण अपरिपक्व है उन्होंने कहा नित्यानंद स्वामी जी एनडी तिवारी से लेकर हरीश रावत तक जितने भी मुख्यमंत्री हुए उनमें सबसे कमजोर पुष्कर सिंह धामी साबित हुए, उन्होंने कहा वह अपने आप को धाकड़ धामी कहलवाते हैं जबकि वास्तव में वह दब्बू धामी है ।
उन्होंने कहा जिस प्रकार सुबे के अंदर माफिया राज हावी हो रहा है और भूमाफिया खनन माफिया एवं शराब माफियाओं का राज है एवं भ्रष्टाचार भी अपने चरम पर है उससे तो यह साबित होता है कि सरकार सभी मोर्चा पर असफल हो चुकी है तो ऐसे में क्यों ना पुष्कर सिंह धामी को इस्तीफा दे देना चाहिए ?
उन्होंने कहा आज जब वे मुख्यमंत्री सहित मंत्री गणों का आकलन करते हैं तो देखते हैं कि धन सिंह रावत जो की शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री हैं को उनके कद के अनुसार भारी दायित्व दिया गया है और वह भी अपने विभागों को नहीं चला पा रहे हैं उन्होंने कहा इसी प्रकार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पास भी 30 से अधिक मंत्रालय हैं जिसमें गृह विभाग और कानून विभाग भी उन्हीं के पास है उन्होंने सवाल किया तो ऐसे में पुलिस और कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी है ? उन्होंने कहा की स्वयं मुख्यमंत्री इस बात को स्वीकार कर चुके हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था धराशाई हो चुकी है तो ऐसे में उन्हें नैतिकता के आधार पर स्वयं ही इस्तीफा नहीं दे देना चाहिए ?
उन्होंने कहा दूसरी ओर प्रदेश में नेताओं ने अपने बच्चों को राजनीति में स्थापित करने के लिए प्रदेश पर जबरन थोपा है उन्होंने कहा कि हमेशा विधानसभा अध्यक्ष उस व्यक्ति को बनाया जाता था जो राजनीतिक दृष्टिकोण से परिपक्व एवं वरिष्ठ हो परंतु वर्तमान में हम देखते हैं कि विधानसभा अध्यक्ष अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ते हुए प्रदेश पर थोपी गई है जिससे विधानसभा के कार्य भी ठीक ढंग से नहीं चल पा रहे हैं उन्होंने कहा पूरी की पूरी कैबिनेट इस वक्त आपरिपक्व नेताओं से भरी है उन्होंने कहा उत्तराखंड तो राम भरोसे ही चल रहा है उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि जल्द ही कानून व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी तो वह उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन व मुख्यमंत्री की होगी ।
इस मौके पर श्री विपिन खन्ना, दर्शन डोभाल, दीपक निमरनिया नवीन सिंह चौहान आदि मौजूद रहे ।