देश में स्थानीय सर्वर और क्लाउड सिस्टम विकसित किया जाए: डा.नरेश बंसल

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**संसद मे डा.नरेश बंसल ने उठाया मुद्दा,स्पेशल मेनशन के माध्यम से की मांग,देश में स्थानीय सर्वर और क्लाउड सिस्टम विकसित किया जाए**

नई दिल्ली/देहरादून 06अगस्त।

भाजपा राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष व सासंद राज्यसभा डा.नरेश बंसल ने सदन मे स्पेशल मेनशन मे एक देशहित का मुद्दा उठाया।डा.नरेश बंसल ने सदन मे स्पेशल मेनशन मे सरकार से देश में स्थानीय सर्वर और क्लाउड सिस्टम विकसित करने की मांग की।
डा.नरेश बंसल ने कहा अगर ऐसा कर लिया जाए तो विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगा,सारा डाटा सुरक्षित होगा व आर्थिंक फायदा होगा और किसी भी साइबर हमले से निपटने के लिए देश आत्मनिर्भर होगा।
डा.नरेश बंसल ने सदन मे कहा कि माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विसेज में शुक्रवार 19 July को आई दिक्कत ने दुनियाभर में इसकी विश्वसनीयता को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।उन्होने कहा कि क्राउड स्ट्राइक अपडेट की वजह से हुई इस समस्या की वजह से देश में कई संस्थानों का काम ठप हो गया,एयरलाइंस,टीवी टेलिकास्ट,बैंकों,नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल, कॉर्पोरेट कंपनियों के कामकाज पर असर पड़ा।
डा.बंसल ने कहा की कि इसका कारण देश में स्थानीय क्लाउड सिस्टम का न होना और भारतीय कंपनियों का गूगल, माइक्रोसॉफ्ट व अमेजन के क्लाउड सिस्टम पर निर्भर होना है।माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर में तकनीकि खामी के बाद स्थानीय क्लाउड सिस्टम की कमी महसूस की गई।सिस्टम के बंद होने से अरबों रुपए का नुकसान हुआ।
डा.नरेश बंसल ने चिंता जताई की युद्ध या फिर साइबर हमले की स्थिति में अगर गूगल,माइक्रोसॉफ्ट और अमेजन का सिस्टम का बटन बंद कर दिया जाए तो हमारे देश में आपातस्थिति पैदा हो जाएगी।देश की ज्यादात्तर कंपनियों और लोगों का निजी डाटा इन्हीं तीनों कंपनियों के क्लाउड सिस्टम पर उपलब्ध है।उन्होंने कहा कि अगर इन तीनों कंपनियों के क्लाउड में कोई हार्डवेयर परेशानी हुई या फिर कोई बड़ा साइबर अटैक हुआ तो यहां डाटा सुरक्षित रखने वाली कंपनियों को न केवल डाटा का नुकसान होगा।डा.नरेश बंसल ने कहा कि अपना सर्वर और क्लाउड सिस्टम नहीं होने का नुकसान है कि देश से बहुत पैसा विदेशी कंपनियों के सर्वर और क्लाउड सिस्टम इस्तेमाल करने की एवज में उन्हें देना पड़ता है।
डा.नरेश बंसल ने सदन के माध्यम से सरकार से निवेदन किया की देश में स्थानीय सर्वर और क्लाउड सिस्टम विकसित कर लिया जाए तो विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम होगा,सारा डाटा सुरक्षित होगा व आर्थिंक फायदा होगा और किसी भी साइबर हमले से निपटने के लिए देश आत्मनिर्भर होगा।