उत्तरकाशी से लापता इंजीनियर ऋषिकेश बस अड्डे के पास मिला

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देहरादून 18 मई । उत्तरकाशी से लापता हुए लोक निर्माण विभाग (एनएच) का इंजीनियर (जेई) अमित चौहान 6 दिन बाद ऋषिकेश बस अड्डे के पास मिल गया है। इससे परिजनों के साथ ही ठेकेदार के परिवार और पुलिस ने राहत की सांस ली है। इधर, पुलिस का कहना है कि इंजीनियर पर डेपरमेंटल भुगतान की देनदारी से लेकर स्टोर से जुड़े दस्तावेजों का विभागीय दबाव था। इसी भय से इंजीनियर होटल से लापता हुआ होगा। हालांकि ऋषिकेश में मिलने के बाद इंजीनियर अवसाद में दिख रहा और कुछ बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस आरोपी को उत्तरकाशी लाने की तैयारी कर रही, जबकि परिजन अस्पताल में इलाज कराने पर विचार कर रहे हैं। फिलहाल पुलिस और परिजनों में इसे लेकर राय बननी बाकी है। इधर, चिन्यालीसौड़ में तैनाती के दौरान इंजीनियर की तरफ से हुई गड़बड़ी की जांच हुई तो कई अफसर और बाबू तक आंच भीआ सकती है। जबकि इंजीनियर पर भी विभागीय कार्रवाई से इंकार नहीं किया जा सकता है। फिलहाल इंजीनियर से पुलिस की पूछताछ पर ही पूरी जांच पड़ताल टिकी है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि का इंजीनियर (एएई)अमित चौहान 12 मई को देहरादून से नानक विहार देहराखास स्थित घर से उत्तरकाशी निवासी ठेकेदार राजदीप परमार अपने साथ ले गया था। इस दौरान ठेकेदार राजदीप और इंजीनियर अमित चौहान डुंडा, उत्तरकाशी पहुंच गए थे। जहां ठेकेदार ने इंजीनियर को डुंडा स्थित अपने होटल में रखा। रात को इंजीनियर होटल में ही रहा। इसकी पुष्टि होटल में 12 मई को एंट्री से लेकर अगली सुबह इंजीनियर के मॉर्निंग वॉक पर जाने वाले सीसीटीवी फुटेज को देखकर भी हुई। लेकिन सुबह 7 बजे सड़क और पेट्रोल पंप के पास मॉर्निंग वॉक के बाद वह लापता हो गया था।
पिछले 6 दिन से इंजीनियर को पुलिस, परिजन और ठेकेदार के परिजन तलाश रहे थे। इस सम्बंध में परिजनों ने कोतवाली उत्तरकाशी में एक गुमशुदगी भी दर्ज कराई है। उत्तरकाशी के थानाध्यक्ष ने बताया कि आरोपी की लोकेशन करीब 1 बजे ऋषिकेश में मिली। पुलिस ने करीब 1:30 बजे के आसपास टिहरी बस अड्डे के पास आरोपी को पकड़ने की बात कही। हालिंक परिजनों का दावा है कि इंजीनियर उन्हें रिषकेश में गंगा घाट में घूमता मिला है। इंजीनियर अमित की स्थिति अभी ठीक नहीं है। वह घटना कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है। पुलिस के अनुसार इंजीनियर निर्माण खंड चिन्यालीसौड़ में कई सालों तक तैनात रहा है। आरोप है कि करीब 1 साल पहले इंजीनियर अमित चौहान का राष्ट्रीय राजमार्ग खंड देहरादून में ट्रांसफर हुआ है। लेकिन इंजीनियर के अंडर में 2021-22 में करोड़ों के सड़क पेंटिंग और अन्य कार्य हुए हैं। इन कार्यों का रनिंग भुगतान तो हो गया था, किंतु एक्चुअल मेजरमेंट की (एमवी) होना बाकी था। चर्चा यह भी है कि इंजीनियर ने करोड़ों के कामों की एमवी और अन्य दस्तावेज तक विभाग में जमा नहीं कराए हैं। इस सम्बंध में विभाग ने आरोपी को डीओ( डेपरमेंटल आर्डर) भी जारी किया गया। जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग खण्ड ने भी इंजीनियर का लिखित स्पष्टीकरण मांगा गया। इसके अलावा स्टोर का चार्ज होने से महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जमा न होने की बात सामने आई है। इसी तरह कई ठेकेदारों का अंतिम भुगतान, एफडी भी रिलीज इंजीनियर की लापरवाही से जारी नहीं होने के बात सामने आई है। हालिंक हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं। इसे लेकर कुछ ठेकेदारों ने इंजीनियर को लीगल नोटिस भी जारी किया गया है। इन्हीं कारणों को देखते हुए इंजीनियर ने लापता होने की कहानी बनाई होगी। हालांकि अभी पुलिस पूछताछ में ही कई तथ्या स्पष्ट हो जाएंगे। लेकिन इतना तय है कि मामले की जांच हुई तो विभागीय अफसरों से लेकर बाबुओं तक कार्रवाई की आंच आएगी। इसे लेकर चिन्यालीसौड़ डिवीजन के अधिशासी अभियंता से लेकर दूसरे इंजीनियरों में हड़कंप मचा है। इधर, परिजनों का कहना है कि फिलहाल इंजीनियर अमित चौहान अवसाद में है। इलाज को पुलिस से अनुरोध किया जा रहा है।